नेशनल डेस्क: उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग हादसे 41 मजदूरों को फंसे हुए 15 दिन हो चले हैं लेकिन उनको बाहर निकालने में अभी कोई सफलता नहीं मिली है। शनिवार को अमेरिकी ऑगर मशीन एक पाइप में फंस गई, जिसके बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है।
मजदूरों को बचाने के लिए अब प्लान- B पर काम किया जाएगा। इसके तहत हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया है और पाइप में फंसी ऑगर मशीन को जल्द ही काट के निकाल लिया जाएगा। मजदूरों और रेस्क्यू टीम के बीच 60 मीटर की दूरी है जिसमें 47 मीटर की ड्रिलिंग की जा चुकी है जबकि 12 से 13 मीटर की खुदाई अब भी बाकी है।
शनिवार को ऑगर मशीन के ब्लेड खराब होने के बाद अब प्लान बी पर काम किया जाएगा। इसके तहत वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी यानि सुरंग के ठीक ऊपर के हिस्से के पहाड़ की खुदाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि वर्टिकल ड्रिलिंग का काम आज से शुरू हो जाएगा लेकिन इस प्लान के तहत रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा करने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है।
इस बारे में जानकारी देते हुए NDMA के सदस्य सैयत अता हसनेन ने बताया था कि क्योंकि आगे का रेस्क्यू ऑपरेशन मैनुअली होगा, तो इसमें लंबा समय लग सकता है। हालांकि मजदूर सुरक्षित हैं और उनकी उनके परिवार से भी लगातार बात हो रही है।
वहीं दूसरी ओर मजदूरों को परिवार से बात करवाने के लिए टेलीफोन कम्युनिकेशन की व्यवस्था भी कई गई है जिसमें BSNL ने टनल के अंदर तक तार बिछाया है और लैंडलाइन फोन लगाएं हैं। इसके अलावा सुरंग के अंदर जहां बचाव दल के लोग काम कर रहे हैं वहां सुरक्षा छतरी की तैयारी चल रही है।
सिलक्यारा स्थित अस्थायी मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में सरकार पूरी शिद्दत के साथ रेस्क्यू कार्य में जुटी है। उन्होंने स्वयं कम्युनिकेशन सिस्टम के जरिए अंदर फंसे लोगों से बात की है। अंदर फंसे सभी मजदूर स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा समन्वय बनाते हुए सभी संभव विकल्पों पर कार्य किया जा रहा है।
केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियां हर संभव प्रयास कर रहे हैं। धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निरंतर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। रेस्क्यू कार्य में किसी भी तरह की अड़चन न आए, इसके लिए पहले से ही सेना के अलावा देश और विदेश की विशेषज्ञ तकनीकी एजेसियों की मदद ली गई है। रेस्क्यू कार्य में तकनीकी और संसाधनों की कोई कमी नहीं है। सरकार की प्राथमिकता सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालना है। यह कार्य काफी चुनौतीपूर्ण है, बावजूद सभी केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां दिनरात काम कर रही हैं।