Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

थाली में परोसा जा रहा जहर, इस राज्य में बिक रहीं केमिकल वाली सब्जियां…जान को बड़ा खतरा

नेशनल डेस्क: दिन का नाश्ता हो, लंच हो या फिर डिनर सब्जी के बिना प्लेट अधूरी होती है क्योंकि सूखी रोटी तो नहीं खाई जा सकती। अगर कोई कहे कि दाल के साथ खा लो तो रोड-रोज दाल भी नहीं खा सकते और जो पोषण सब्जियों में होता वो कहीं और नहीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दिनों कर्नाटक के बेंगलुरु शहर में लोगों की थाली तक जो सब्जियां पहुंच रही हैं उनको जहरीले और गंदे पानी में उगाया जाता है और इस पानी में खतरनाक धातु और केमिकल होते हैं।

 

सब्जियों में मिलाए जा रहे केमिकल

एक सरकारी एजेंसी ने बेंगलुरु में सब्जियों की कई छोटी- बड़ी दुकानों से नमूने इकट्ठा किए और इसकी जांच में उन्होंने पाया कि बेंगलुरु के बाजारों में जो सब्जियां पहुंच रही हैं, उनमें अधिकांश सब्जियां घरों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले वेस्ट वॉटर यानि गंदे और प्रदूषित पानी में उगाई जा रही हैं जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक हैं। गंदे पानी में उगने वाली सब्जियों में हैवी मैटल जैसे आर्सेनिक, निकिल, कैडमियम, क्रोमियम, मर्करी, जिंक और मैग्नीशियम के उच्च स्तर पाए जाते हैं जो किडनी, लीवर, आंत और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

 

चौंकाने वाला खुलासा

पर्यावरण प्रबंधन और नीति अनुसंधान संस्थान (EMPRI) के शोधकर्ताओं ने शहर के बाजारों में बिक रहीं 10 सब्जियों के 400 नमूनों का परीक्षण किया था जिसमें उन सब्जियों में खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा निर्धारित सीमा से ऊपर कंटैमिनेशन (किसी चीज को गंदा या जहरीला बनाने की प्रक्रिया) पाया गया। बेंगलुरु समूचे कर्नाटक का पांचवीं सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है जहां कोलार, चिक्कबल्लापुर, रामानगर और बेंगलुरु ग्रामीण के इलाकों के किसान सब्जियों की सप्लाई करते हैं। अकेले हॉपकॉम्स (किसानों से बाजार तक सब्जियों की सप्लाई का काम संभालने वाली एक एजेंसी) 70 टन सब्जियां वितरित करता है जबकि शहर की बाकी आबादी पुशकार्ट से लेकर सुपरमार्केट जैसी निजी छोटी-बड़े स्टोर पर निर्भर करती है।

पर्यावरण प्रबंधन और नीति अनुसंधान संस्थान (EMPRI) के शोधकर्ताओं ने बेंगलुरु के 20 स्टोरों से सब्जियों के 400 नमूने एकत्र किए थे जो पांच सुपरमार्केट, पांच स्थानीय बाजार, कई स्टोर और हॉपकॉम से लिए गए थे। इसके बाद बैंगन, टमाटर, शिमला मिर्च, सेम, गाजर, हरी मिर्च, प्याज, आलू, पालक और धनिया समेत 10 सब्जियों के नमूनों में हैवी मेटल की उपस्थिति की जांच की गई।

पाई गईं ये खतरनाक धातुएं

सब्जियों में कैडमियम जो लीवर और फेफड़ों में विषाक्तता पैदा कर सकता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को खराब कर सकता है। सीसा (लीड) जो जहर के समान है, उसकी मात्रा किसी भी खाद्य पदार्थ में 0.3 मिलीग्राम/किग्रा से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस रिसर्च के दौरान सब्जियों में हेवी मेटल्स पाए गए हैं जो मानव शरीर के लिए सही नहीं है।

Exit mobile version