नई दिल्ली : उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने बुधवार को संसद में विशेष ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के अंतर्गत, निजी अस्पतालों में महंगे इलाज का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आमजन के लिए प्राइवेट इलाज बहुत महंगा है, क्योकि उसकी सरकार द्वारा कोई दर तय नहीं है। जैसे सीजीएचएस व सरकारी दर तय है।
श्री बंसल ने सदन का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि देश में निजी क्षेत्र के अस्पतालों की इलाज दरों में घोर असमानता है। निजी अस्पतालों के महंगे इलाज के एवज में बीमार व्यक्ति को भारी-भरकम बिल चुकाना पड़ता है। जिससे उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। उन्होंने इसका एक मुख्य कारण निजी अस्पताल की दरों पर कोई नियंत्रण न होना बताया। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल मरीजों से इलाज के एवज में मनमाने तरीके से धनराशि वसूलते हैं, इसकी कोई पॉलिसी नहीं है। पॉलिसी के अभाव में जनता इलाज के लिए मनमानी राशि देने के लिए बाध्य है।
5 लाख तक सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में होता है इलाज
श्री बंसल ने सदन मे कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सरकार ने गरीब आदमी के इस मर्म को समझा व प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं आयुष्मान योजना लागू की, जो इसमे मील का पत्थर साबित हुई है। जिसने गरीब को अच्छा इलाज व राहत दी है। आज गरीब आदमी का 5 लाख तक इलाज सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में होता है व दवा जन औषधीय केन्द्र से सस्ते दर पर मिलती है। उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड मे तो डबल इंजन की सरकार द्वारा यह सुविधा सभी नागरिको के लिए है।
निजी अस्पतालों से सस्ती दरों पर इलाज करा सकें
उन्होंने सभापति के माध्यम से कहा कि देश में संचालित मेडिक्लेम कंपनियां अपने पॉलिसी होल्डर को सस्ती दरों पर इन्हीं निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए समझौता करती हैं, जिनकी दर काफी कम है। इसी प्रकार सीजीएचएस की दर भी है। जब छोटी-छोटी मेडिक्लेम कंपनियां, निजी अस्पतालों से समझौता करके सस्ती दरों पर इलाज करा सकती हैं, तो सरकार क्यों निजी अस्पतालों के लिए दर तय नहीं करती। जिसके आधार पर जनता सस्ती दरों पर इलाज करा सके।
उन्होंने सदन के माध्यम से सरकार से मांग की कि निजी अस्पतालों में इलाज के लिए विभिन्न उपचार और प्रक्रियाओं समेत सभी चीजों की दर तय की जाए, जिसके आधार पर आम नागरिक निजी अस्पतालों से सस्ती दरों पर इलाज करा सकें जो सस्ता हो।