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गरीब भाइयों-बहनों के लिए MNREGA महत्वपूर्ण योजना, इसे और बेहतर बनाने पर मंथन : Shivraj Singh Chauhan

Shivraj Singh Chauhan

Shivraj Singh Chauhan

नई दिल्ली : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आज ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री Shivraj Singh Chauhan की अध्यक्षता में, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को और सुदृढ बनाने के लिए “ब्रेनस्टामिंग” सत्र का आयोजन किया गया। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने मनरेगा वर्कर्स, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों-पदाधिकारियों, लगभग 20 राज्यों के कमिश्नर व अन्य अधिकारियों, जिलों, ब्लॉकों एवं ग्राम पंचायतों के अधिकारियों के साथ सीधी चर्चा की। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के संबंध में प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे गरीब भाइयों-बहनों के लिए मनरेगा बहुत महत्वपूर्ण योजना है, जिसे और बेहतर बनाने के लिए संबंधित लोगों के साथ संवाद कर सुझाव लिए जा रहे हैं

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विचार सत्र में कहा कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं है, बल्कि ग्रामीण भारत के लाखों लोगों के जीवन में स्थिरता व सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण साधन है। कोविड के समय तो मनरेगा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में किए गए उपायों के साथ गरीबों के लिए वरदान बन गई थी। फैक्टरियां बंद होने से लाखों लोगों को मनरेगा दवारा आजीविका मिली। मनरेगा में बहुत बड़ी धनराशि केंद्र सरकार देती है, जिसका सदुपयोग होना चाहिए। जिन उ‌द्देश्यों के लिए यह योजना है, वे पूरे होना चाहिए। शिवराज सिंह ने कहा कि हम कोई भी योजना बनाते हैं तो सिर्फ अधिकारियों के साथ बैठकर नहीं, बल्कि सभी संबंधित लोगों से संवाद कर काम करते हैं, ताकि वह अधिकाधिक प्रभावी हो। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते हुए भी किसानों, महिलाओं एवं अन्य वर्गों के लिए योजनाएं, उनसे चर्चा करके, सुझाव लेकर बनाई गई। केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जमीन पर काम करने वाले संबंधितों से बात करके प्रभावी योजनाएं बनाई जा सकती है। जब तक उनसे चर्चा नहीं करेंगे, सही फीडबैक नहीं मिलेगा। अमीनी स्तर पर कहां तकलीफ है, और क्या अच्छा हो सकता है, ये काम करने वाले, मानीटरिंग वाले अच्छी से बता सकते हैं। केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने कहा कि मनरेगा हितग्राहियों को लाभान्वित करने वाली एक बड़ी योजना है। इसमें टेक्नालाजी के माध्यम से भी सुधार किया गया है. बहुत बेहतर काम हुआ है, लेकिन फिर भी कुछ शिकायतें आती है, जिनका समाधान करना आवश्यक है। यह अवसर हमें ग्रामीण भारत के विकास के संकल्प को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। यह मंथन हमारे ग्रामीण भारत के सशक्तिकरण व इस योजना को और बेहतर बनाने की दिशा में एक सार्थक पहल है। आज की चर्चा इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए नए सुझाव और दिशा तय करने का मौका है।

सत्र के दौरान समय पर मजदूरी भुगतान, बॉटम-अप योजना, योजना के तहत अधिकार और पात्रता, प्रौद्‌योगिकी का उपयोग, जॉब कार्ड से संबंधित मु‌द्दे, कार्यों की गुणवता एवं निगरानी तथा शिकायत निवारण तंत्र आदि से संबंधित विभिन्न मु‌द्दों पर चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने सभी हितधारकों के प्रति उनके बहुमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त करते हुए सत्र का समापन किया। उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान प्राप्त सुझाव मनरेगा को और बेहतर बनाने में उपयोगी होंगे। विचार-मंथन सत्र ग्रामीण विकास योजनाओं को प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में 2047 तक, यानी अमृतकाल में विकसित भरत के दृष्टिकोण के साथ जोड़ने के मंत्रालय के बड़े प्रयासों का हिस्सा है। कृषि भवन, दिल्ली में आयोजित विचार सत्र में केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री डा. चंद्र शेखर पेम्मासानी तथा ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान और ग्रामीण विकास सचिव श्री शैलेष कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सत्र में उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, मेघालय, झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, उतीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के अधिकारिर्या-प्रतिनिधियों के साथ ही मजदूर किसान शक्ति संगठन, प्रदान, पश्चिम बंगाल खेत मजदूर समिति, सृजन फाउंडेशन, आईपीई ग्लोबल, जीआईजेड इंडिया, ग्रामीण विकास ट्रस्ट, नरेगा संघर्ष मोर्चा, भारत रूरल लाइवलीहुड फाउंडेशन, जनजागरण शक्ति संगठन, एमजी नरेगा मजदूर यूनियन, ट्रांसफार्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन आदि संगठनों ने भाग लिया।

मनरेगा से करोड़ों मजदूरों को रोजगार मनरेगा के माध्यम से इस वित्तीय वर्ष में अब तक पूरे देश में लगभग 5 करोड़ परिवारों के 6.7 करोड़ से अधिक मजदूरों को रोजगार प्रदान किया गया है। मनरेगा में रोजगार प्राप्त करने वाले लोगों में आधे से अधिक लामायर्थी महिलाए हैं, जो नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। महिलाओं के साथ-साथ सनदेनमा ने समाज के हाशिए पर खड़े लोगों, जैसे कि अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वहाँ को लाभान्वित कर समावेशी विकास को प्रोत्साहित किया है. जो हमारे देश के सर्वांगीण विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

स्थायी ग्रामीण बुनियादी बंधों का निर्माण मनरेगा के तहत क्षिण रोजगार ही नहीं दिया गया है, बल्कि स्थायी ग्रामीण बुनियादी ढांचों का निर्माण भी किया गया है। इसके तहत गरीब परिवारों और समुदायों के लिए बुनियादी ढांचे, सामाजिक विकास एवं कृषि पहल से संबंधित विभिन्न टिकाऊ और उत्पादक परिसंपतियों का निमर्माण किया गया है, जिससे गरीबी उन्मूलन, सामाजिक समावेशन और बामीणा विकास को गति मिल रही है। मनरेगा में 9.39 करोड परिसंपतियों का निर्माण किया गया है व चालू वर्ष में 63.4 लाख विभिन्न टिकाऊ एवं उत्पादक परिसंपतियों का निर्माण किया जा चुका है।

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