सरकार की विफलताओं के खिलाफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ‘अंडरकरंट’ : कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उत्तर प्रदेश में जनसभा से पहले शुक्रवार को दावा किया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सरकार की विफलताओं के खिलाफ एक ‘अंडरकरंट’ (अदृशय़ लहर) है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल भी किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को क्यों.

नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उत्तर प्रदेश में जनसभा से पहले शुक्रवार को दावा किया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सरकार की विफलताओं के खिलाफ एक ‘अंडरकरंट’ (अदृशय़ लहर) है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल भी किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को क्यों नज़रअंदाज़ किया है। प्रधानमंत्री मोदी उत्तर प्रदेश के गजरौला में शुक्रवार को एक चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश जा रहे हैं। ये हैं उनसे आज के हमारे तीन सवाल हैं। भाजपा ने उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को क्यों नज़रअंदाज़ किया है? 20,000 करोड़ रुपये के बावजूद भी गंगा भारत की सबसे प्रदूषित नदी क्यों है? मोदी सरकार बड़े पैमाने पर हो रहे पेपर लीक को रोकने के लिए क्या कर रही है?’’ उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रलय के अनुसार उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है, फिर भी, भाजपा सरकार ने गन्ने की क़ीमत बढ़ाने के लिए किसानों की मांग को लगातार नजरअंदाज किया है।

रमेश के अनुसार, उत्तर प्रदेश में गन्ने की क़ीमतें सिफऱ् 360 रुपये प्रति क्विंटल हैं, जबकि यह पंजाब में 386 रुपए प्रति क्विंटल और हरियाणा में 391 रुपए प्रति क्विंटल है। उन्होंने सवाल किया क्या कि डबल इंजन की सरकार ने जनता की दुर्दशा पर अपनी आंखें मूंद ली है? उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों और मिल मजदूरों की मदद के लिए भाजपा सरकार क्या कर रही है? रमेश ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने गंगा नदी में पानी की गुणवत्ता में सुधार के लक्षय़ के साथ 2014 में नमामि गंगे योजना शुरू की थी। इसके तहत 2014 और 2019 के बीच 20,000 करोड़ रुपये के ख़र्च को मंजूरी दी गई थी और 2021 तक 815 नए सीवेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) बनाए या प्रस्तावित किए गए।

जल शक्ति मंत्रालय का दावा है कि नदी की स्थिति में काफ़ी सुधार हुआ है, लेकिन जैसा कि इस सरकार के मामले में अक़्सर होता है, वह दावा भी झूठा निकला।’’ उन्होंने सवाल किया कि भारतीय करदाताओं के 20,000 करोड़ से क्या हासिल हुआ? कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार के शासनकाल में, पिछले कुछ वर्षों में सरकारी पदों पर भर्ती के लिए हुई परीक्षाओं के कम से कम 43 परीक्षा पत्र लीक हुए हैं। ऐसा होने से करीब दो करोड़ उम्मीदवार प्रभावित हुए हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के बाद परीक्षा रद्द होने से 60 लाख आवेदकों का भविष्य ख़तरे में पड़ गया।’’ रमेश ने सवाल किया, ‘‘हमारे युवाओं को हुए नुक़सान की भरपाई करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के पास क्या दृष्टिकोण है?

भाजपा की ‘डबल इंजन’ सरकार अपनी गलतियों को सुधारने और यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कर रही है कि हमारे युवाओं को फिर कभी इस तरह के अन्याय का सामना न करना पड़े?’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज जब प्रधानमंत्री पश्चिम उत्तर प्रदेश का दौरा कर रहे हैं, तब यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि भले ही वह रालोद को इंडिया गठबंधन से राजग में ले जाने में कामयाब हो गए हों, लेकिन असली लोकदल अभी भी इंडिया के साथ है और चौधरी चरण सिंह एवं इंदिरा गांधी के होíडंग और बैनर्स के साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्र’ का शानदार स्वागत किया गया था।’’ उन्होंने कहा कि इस सरकार की विफलताओं के ख़लिाफ़ पूरे क्षेत्र में एक साइलेंट अंडरकरंट है।

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