Bathinda News : सेफ्टी किट के बिना सीवरेज साफ कर रहे 2 कर्मी गैस चढ़ने से बेहोश, 1 की मौत

बताया जा रहा है कि सीवरेज लाइन की सफाई के काम के लिए सरकार की तरफ से तय की गई गाइड़लाइन की पालना नहीं की गई।

बठिंडा। शहर की खेताबस्ती मेन रोड में बिना सेफ्टी कीट के सीवरेज की सफाई करने वाले 2 सीवरेजमैन गैस चढ़ने से बेहोश हो गए। इस दौरान 1 व्यक्ति ने अस्पताल में दम तोड़ दिया जबकि दूसरे की हालत गंभीर बनी हुई है। मामले में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि सीवरेज लाइन की सफाई के काम के लिए सरकार की तरफ से तय की गई गाइड़लाइन की पालना नहीं की गई। इसमें आरंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि मामले में निगम अधिकारियों के साथ काम करवा रहे सीवरेज बोर्ड ने भी लापरवाही की है।

जानकारी अनुसार नगर निगम व सीवरेज बोर्ड की तरफ से शहर में सीवरेज की सफाई करवाने का काम किया जा रहा है। इस दौरान सीवरोज बोर्ड की तरफ से प्राइवेट ठेकेदार के साधनों के माध्यम से सफाई का काम कई इलाकों में दिन के समय व कई स्थानों पर रात को करवाया जाता है। इस दौरान सीवरमैन सूरज सिंह उम्र 37 साल वासी जनता नगर गली नंबर 8 और बबलू वासी अबोहर सीवरेज की सफाई का काम कर रहे थे। इसमें बबलू जब बिना सेफ्टी उपकरण, मास्क के सीवरेज में उतरा तो उसे गैस चढ़ गई व उससे वह बेहोशी की हालत में आ गया उसे बचाने के लिए वहां तैनात जेई ने सूरज सिंह को भी सीवरेज में उतार दिया। इससे दोनों ही बेहोश हो गए। किसी तरह दोनों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया जहां सूरज सिंह की मौत हो गई जबकि बबलू का एक प्राइवेट अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।

मामले में आरंभिक जांच में कई सवाल भी खड़े हुए है। इसमें सीवरेज का काम करवा रहे जेई ओमप्रकाश का 15 मार्च को तबादला अबोहर कर दिया गया था। उसे ड्यूटी से रीलीव करने के बाद फिर से बठिंडा में कैसे काम कर रहा था। इसमें संबंधित एक्सीयन ने भी जेई ओमप्रकाश की ड्यूटी क्यों लगाई। अब इसमें कहा जा रहा है कि सीवरेज बोर्ड के पास साधनों की कमी है जिसके चलते वह अपने अधिकतर काम आगे ठेकेदार को सबलेट कर देता है।

अब मौके पर ठेकेदार न हो जेई काम देख रहा था तो इसमें इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि जिस तरह नगर निगम व सीवरेज बोर्ड के कुछ अधिकारी एजेंडा पास होने के बाद टैंडर खुद ही परिवार व दोस्तों के नाम पर भर लेते हैं व इसमें अपने स्तर पर ही काम करवाकर सीवरेज बोर्ड से बनती राशि वसूल कर लेते हैं। इस मामले में सीवरेज बोर्ड व संबंधित ठेकेदार की तरफ से तय गाइडलाइन का पालन ही नहीं किया व कर्मचारियों की सुरक्षा को दाव पर रखकर सीवरेज के अंदर उतारकर उसकी जान से खिलवाड़ किया गया।

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