32 साल पहले आतंकवादियों ने खेली थी लुधियाना में ‘खून की होली’

होली के दिन के साथ लुधियाना की कड़वी यादें भी जुड़ी हैं। फील्डगंज के लोग आज भी 18 मार्च 1992 का वह दिन नहीं भूलते हैं

लुधियाना: होली के दिन के साथ लुधियाना की कड़वी यादें भी जुड़ी हैं। फील्डगंज के लोग आज भी 18 मार्च 1992 का वह दिन नहीं भूलते हैं, जब आतंकवादियों ने यहां पर खून की होली खेली थी। फील्डगंज इलाके में ज्यादातर राजस्थानी परिवार रहते हैं। इनमें से अधिकतर यहां पर जूते व चप्पल बनाने का काम करते हैं। 18 मार्च 1992 को होली वाले दिन सभी लोगों ने दिन में होली खेली और रात को होलिका दहन की तैयारियों में जुटे हुए थे। उसी दौरान दो व्यक्ति पैदल ही अंधांधुध गोलियां चलाते हुए आए। जो भी व्यक्ति उनके सामने आया, उस पर उन्होंने गोली दाग दी। इस वारदात में कई लोग मारे गए, जबकि कई घायल भी हुए।

इस वारदात में अपने पति अमर सिंह को गंवाने वाली बिमला देवी बताती हैं कि उसके पति जूते बनाने का काम करते थे। उस दिन रात करीब सात बजे का वक्त था। पति अमर सिंह खाना खाने के बाद कूचा नंबर 15 स्थित अपने घर से पान खाने के लिए निकले थे। उसके थोड़ी देर बाद ही हमें गोलियों की आवाज सुनाई दी तो हमने सोचा की होली की खुशी में लोग पटाखे चला रहे होंगे लेकिन थोड़ी देर बाद पूरी घटना का पता चला तो मैं अपने पति को गंवा चुकी थी। बिमला देवी के मुताबिक उस दिन के बाद हमने कभी होली नहीं मनाई। हर साल होली वाले दिन वह घटना हूबहू याद आ जाती है, और मन व्यथित हो जाता है।

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