चंडीगढ़: राष्ट्रिय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला सहित भाजपा के अश्वनी शर्मा, तरुण चुग, मनोरंजन कालिया, जीवन गुप्ता, बलदेव चावला और सुभाष शर्मा के साथ ही आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग जिनके खिलाफ 21 अगस्त 2020 को आई.पी.सी. की धारा-188 के तहत दर्ज मामले में हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को 20 फरवरी के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। साथ ही चंडीगढ़ की ट्रायल कोर्ट जहां इनके खिलाफ यह केस चल रहा है उसे आदेश दिए हैं कि वह इस याचिका पर 20 फरवरी को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले सुनवाई न करे।
जस्टिस राजमोहन सिंह ने यह आदेश इन सभी नेताओं द्वारा एडवोकेट एन.के. वर्मा के जरिए उनके खिलाफ दर्ज इस एफ.आई.आर. और इस मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी समन के आदेशों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए दिए हैं। दायर याचिका में इन नेताओं ने हाईकोर्ट को बताया है कि इस मांग को लेकर उनकी तरफ से पहले चंडीगढ़ की ट्रायल कोर्ट में यह याचिका दायर की गई थी, जोकि ख़ारिज कर दी गई थी। ऐसे में अब इस मामले में उन्होंने हाईकोर्ट को बताया है कि धारा 188 से जुड़े अपराध के तहत कोई एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की जा सकती।
सीआरपीसी की धारा 195 के अनुसार कोई अदालत धारा 172 से लेकर 188 तक किसी अपराध पर संज्ञान नहीं लेगी और न किसी पब्लिक सर्वेंट की शिकायत हो सकती है। हाईकोर्ट ने इन सभी नेताओं की इस याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्रायल कोर्ट को आदेश दे दिए हैं कि इस केस में हाईकोर्ट 20 फरवरी को अगली सुनवाई करेगी तब तक ट्रायल कोर्ट इस केस की सुनवाई न करे और साथ ही मामले में चंडीगढ़ प्रशसन को नोटिस जारी कर जवाब भी मांग लिया है। इससे पहले भाजपा के अरुण नारंग सहित तीक्ष्ण सूद, मास्टर मोहन लाल, सुरजीत कुमार ज्याणी, के.डी. भंडारी को हाईकोर्ट राहत दे चूका है। हाईकोर्ट इन सभी नेताओं की याचिकाओं पर अब 20 फरवरी को सुनवाई करेगा।