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PUNJAB : सैंट्रल जेल गुरदासपुर में कैदी व पुलिस भिड़े, 5 मुलाजिम घायल

कैदियों ने जेल में जगह-जगह लगाई आग, प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों सहित बीएसएफ, सीआरपीएफ जवान मौके पर पहुंचे।


गुरदासपुर। केंद्रीय जेल गुरदासपुर में आज सुबह सायरन की आवाज सुनाई दी और गोली की आवाजें आनी शुरू हो गई। पता चला कि जेल के अंदर बंद कैदियों के दो गुटों में झगड़ा हो गया और सुरक्षा जवानों ने स्थिति पर काबू पाने के लिए हवाई फायरिंग की है लेकिन बाद में पता चला कि कैदियों के बीच नहीं बल्कि कैदियों और पुलिस के बीच किसी बात को लेकर तनाव हो गया है और कैदियों ने पुलिस पर पथराव किया है। जोकि देर शाम तक चलता रहा। कैदियों ने जेल के अंदर जगह-जगह पर आग भी लगा दी थी। खबर लिखे जाने तक दोनों के बीच पत्थरबाजी जारी थी, इस पथराव में पुलिस के 5 जवान घायल हुए हैं जिन्हें ईलाज के लिए सिविल अस्पताल गुरदासपुर में दाखिल कराया गया है।

घायल होने वालों में एएसआई जगजीत सिंह, कांस्टेबल जोध सिंह, मनदीप सल्गोत्र, हवलदार बलजिंदर सिंह, एएसाई नरेश शामिल हैं। भारी मात्र में पुलिस सहित बीएसएफ तथा अर्ध सैनिक बल भी केंद्रीय जेल में पहुंच चुके थे। इस टकराव के कारणों की किसी पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी ने पुष्टि नहीं की। वीरवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे जैसे ही केंद्रीय जेल के अंदर से सायरन बजना शुरू हो गए तो लोगों को पहले तो उन्हें लगा कि यह उनकी ट्रेनिंग का हिस्सा होगा, क्योंकि कुछ दिन पहले जेल में एक रिहर्सल के दौरान भी ऐसा ही किया गया था, लेकिन जैसे ही जेल के अंदर से काफी गोली चलने की आवाजें आनी शुरू हुईं और जेल के आस पास पुलिस की टीमों की सायरन वाली गाड़ियां घूमनी शुरू हई तो आसपास की कालोनी के लोग घबरा गए और घरों में दुबक कर बैठ गए।

पुलिस ने जेल के अंदर दागे आंसू गैस के गोले
सुबह जैसे ही जेल मुलाजिमों तथा कैदियों के बीच तनाव बढ़ना शुरू हुआ तो केंद्रीय जेल के अंदर बैरकों से बाहर आकर छतों पर चढ़ गये। जेल पुलिस ने इस संबधी पुलिस अधिकारियों को सूचित किया और फिर भारी मात्र में पुलिस फोर्स जेल में पहुंची। लेकिन कैदियों आक्रामक हो गये थे कि उन्होंने पुलिस तथा जेल मुलाजिमों पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिये। जिसके चलते पुलिस ने वहां हवाई फायर किए और कैदियों पर काबू पाने के लिए उन्हें वहीं रोककर रखने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए।

कैदियों ने पाइपों, पानी की टंकी, ईंटों से किया हमला
कैदियों ने अपनी बैरकों से निकल कर पहली मंजिल पर बनी एक ईमारत जिसे कि शायद मैस बताया जा रहा था उसकी ईमारत पर जाकर पत्थर बरसाने पुलिस पर शुरू कर दिये। वहीं ग्राउंड फ्लोर पर खड़े कैदी नीचे से उपर पत्थर सप्लाई कर रहे थे। आगे से पहली और दूसरी मंजिल पर चढ़े युवक पुलिस पर ताबड़तोड़ पत्थर बरसा रहे थे। कैदियों के हाथों में जोकुछ आ रहा था जैसे कि पानी की टंकी, पानी वाली पाईप आदि से वह पुलिस मुलाजिमों पर फैंक रहे थे। जिस इमारत पर कैदी चढ़े हुए थे और पत्थर बरसा रहे थे उस इमारत के आगे कैदियों ने बिस्तर आदि फैंक कर उन्हें आग लगा दी। शायद ऐसा उन्होंने इसलिए किया था कि उस रास्ते से कोई गाड़ी या फिर पुलिस मुलाजिम उनतक न पहुंच पाएं। इसके अलावा उन्होंने दूसरे रास्तों के आगे भी आग लगा रखी थी।

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