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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नई दिल्ली: करतारपुर साहिब कॉरिडोर को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा के कुछ दिनों बाद भारत और पाकिस्तान ने श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर को लेकर हुए समझौते को अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह जानकारी साझा की है।
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि “भारत और पाकिस्तान ने श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर को लेकर हुए समझौते को अगले पांच साल के लिए नवीनीकृत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हमारे सिख समुदाय को उनके पवित्र स्थलों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करना जारी रखेगी।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक चैनलों के माध्यम से श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर समझौते की वैधता को पांच साल की अवधि के लिए बढ़ाने पर सहमति हुई है। भारत और पाकिस्तान के बीच 24 अक्टूबर 2019 को करतारपुर साहिब कॉरिडोर के माध्यम से भारत से गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर, नरोवाल, पाकिस्तान की यात्रा की सुविधा के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे और यह पांच साल की अवधि के लिए वैध था।
आज पांच साल के लिए दोनों देशों के बीच समझौते का नवीनीकरण किया गया है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस समझौते की वैधता के विस्तार से भारत से पाकिस्तान स्थित पवित्र गुरुद्वारा जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए कॉरिडोर का निर्बाध संचालन सुनिश्चित होगा। इसमें आगे कहा गया है कि पाकिस्तान द्वारा प्रति तीर्थयात्री प्रति यात्रा 20 अमेरिकी डॉलर का सेवा शुल्क हटाने के संबंध में तीर्थयात्रियों के निरंतर अनुरोधों के मद्देनजर भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान से तीर्थयात्रियों पर कोई शुल्क या प्रभार नहीं लगाने का आग्रह किया है।
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा को गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से जाना जाता है। यह सिखों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, क्योंकि गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष यहीं बिताए थे। गुरु नानक यहां 16 साल तक रहे। बाद में गुरु नानक ने यहीं अपना शरीर त्यागा। इसके बाद यहां गुरुद्वारा दरबार साहिब का निर्माण किया गया। यह स्थान पाकिस्तान के पंजाब के नारोवाल जिले में आता है। यह स्थान लाहौर से 120 किमी और भारत-पाकिस्तान सीमा से सिर्फ तीन किमी दूर है।
डेरा बाबा नानक के बारे में:
करतारपुर कॉरिडोर 4 किलोमीटर लंबा राजमार्ग है जो भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने के लिए वीजा-मुक्त पहुँच प्रदान करता है। करतारपुर गाँव रावी नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है जहाँ श्री गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे।
गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक भारत-पाकिस्तान सीमा से लगभग 1 किलोमीटर दूर और रावी नदी के पूर्वी तट पर है। गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में आता है, जो पंजाब के गुरदासपुर जिले के ऐतिहासिक शहर डेरा बाबा नानक के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 4.5 किलोमीटर दूर है।
डेरा बाबा नानक – श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर के भारतीय हिस्से में डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक 4.1 किलोमीटर लंबा चार लेन का राजमार्ग और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल भवन (PTB) शामिल है। डेरा बाबा नानक भारत के पंजाब राज्य के गुरदासपुर जिले में स्थित एक शहर है। श्री गुरु नानक देव जी के अनुयायियों ने इस शहर का निर्माण किया और अपने महान पूर्वज के नाम पर इसका नाम डेरा बाबा नानक रखा।