चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर बड़ी खबर, हाईकोर्ट ने MC और प्रशासन से 3 हफ्ते में मांगा जवाब

चंडीगढ़: जिले में मंगलवार को हुए मेयर चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिला था। जहां 16 वोटों के साथ भाजपा के मनोज सोनकर जीत गए थे। वहीं आप और कांग्रेस गठबंधन के 20 में से 8 वोट अमान्य घोषित कर दिए गए थे। हार के बाद गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप टीटा हाईकोर्ट पहुंच गए थे और चुनाव रद्द कर दोबारा करवाने की याचिका दायर की थी।

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के मेयर पद के दावेदार कुलदीप कुमार की याचिका पर हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए मेयर पद के लिए कांग्रेस-आप के प्रत्याशी कुलदीप कुमार ने चुनाव को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

याची पक्ष की ओर से अपील की गई कि याचिका लंबित रहते मनोज सोनकर के मेयर के तौर पर कार्य करने पर रोक लगाई जाए लेकिन हाई कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन का जवाब आने के बाद ही किसी अंतरिम राहत पर आदेश जारी किया जाएगा।चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से इस मामले में पक्ष रखने के लिए चार सप्ताह की मोहलत मांगी गई।

हाईकोर्ट ने प्रशासन को तीन सप्ताह का समय देते हुए सुनवाई टाल दी। याचिका में आरोप लगाया कि वोटों की गिनती के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने मतपत्रों से छेड़छाड़ की थी जिसके चलते उनके वोट अवैध करार दिए गए। कुलदीप कुमार की तरफ से सीनियर एडवोकेट गुरमिंदर सिंह ने दोपहर सवा दो बजे हाईकोर्ट से आग्रह किया।

कि उनकी इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए और इस चुनाव का रिकॉर्ड सील किया जाए क्योंकि यह सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है। हाईकोर्ट ने याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इन्कार कर बुधवार सुबह सुनवाई करना तय किया है। चुनाव हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में करवाया जाए ताकि इसकी निष्पक्षता बरकरार रहे।

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