चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) और मंडी विकास कोष (एमडीएफ) के बकाया 3095 करोड़ रुपये तत्काल जारी करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर हस्तक्षेप की मांग की। सीएम मान ने केंद्रीय मंत्री से उनके कार्यालय में मुलाकात कर कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक खरीद सीजन-2021-22, रबी खरीद सीजन 2022-23, खरीद सीजन 2022-23 के लिए आरडीएफ के 2880 करोड़ रुपये और एमडीएफ के 215 करोड़ जारी नहीं किए हैं।
उन्होंने कहा कि इन फंडों का उपयोग राज्य, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए किया जाता है। भगवंत मान ने खेद व्यक्त किया कि यह राशि जारी नहीं होने से प्रदेश के विकास विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब ग्रामीण विकास अधिनियम, 1987 की धारा 7 के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य के तीन प्रतिशत की दर से आर.डी.एफ. राज्य सरकार के पंजाब ग्रामीण विकास बोर्ड को भुगतान किया जाना है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा अधिसूचित दर (समर्थन मूल्य का न्यूनतम तीन प्रतिशत) के अनुसार 1987 से रबी खरीद सीजन 2020-21 तक आर.डी.एफ. की नियमित रूप से भुगतान किया गया था।
भगवंत मान ने कहा कि इस फंड का उद्देश्य मुख्य रूप से कृषि और ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास करना है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क, बाजारों के बुनियादी ढांचे, भंडारण सुविधाओं का विस्तार, भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण, बाजारों और अन्य जगहों का मशीनीकरण शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी स्पष्टीकरण, आवश्यक दस्तावेज और व्यय के बारे में विवरण देने के बाद, खरीफ खरीद सीजन 2020-21 और रबी खरीद सीजन 2021-22 के लिए ग्रामीण विकास निधि को इस शर्त पर मंजूरी दी गई थी कि खरीफ खरीद सीजन 2021-22 की शुरुआत से पहले-पहले पंजाब को आरडीएफ एक्ट में संशोधन करना होगा।
भगवंत मान ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि भारत सरकार के निर्देश पर राज्य ने पंजाब ग्रामीण विकास अधिनियम, 1987 में संशोधन किया था। मुख्यमंत्री ने खेद व्यक्त किया कि ग्रामीण विकास अधिनियम, 1987 में संशोधन करने के बाद भी खरीफ खरीद सीजन 2021-22, रबी खरीद सीजन 2022-23 एवं खरीफ खरीद सीजन 2022-23 के अनंतिम व्यय पत्रक में आरडीएफ के 2880 करोड़ रूपए स्वीकृत नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह खरीफ खरीद सीजन 2021-22 तक भारत सरकार द्वारा तीन प्रतिशत के हिसाब से प्रदेश को एमडीएफ भुगतान किया गया।
भगवंत मान ने कहा कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भारत सरकार ने एक फीसदी की दर से एमडीएफ जो कि 215 करोड़ रुपये बनता है, को रोका गया है। मुख्यमंत्री ने पीयूष गोयल से अपील की कि आर.डी.एफ और एमडीएफ दोनों की बकाया राशि तत्काल जारी की जाए ताकि प्रदेश के विकास को गति मिल सके।