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14 फ़रवरी तक दवाइयों पर जिन्दा नहीं रह सकते डल्लेवाल : डा.सवाईमान सिंह

Dallewal cannot Survive on Medicines : किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरण व्रत का आज 55वां दिन है। बीती रात केंद्र के साथ मीटिंग का समय तय होने के बाद डल्लेवाल ने मेडिकल सहायता लेना शुरू कर दिया। लेकिन इस बात पर डा.सवाईमान सिंह ने आप्पति जताई है। उन्होंने कहा है की ये किसानो.

Dallewal cannot Survive on Medicines : किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरण व्रत का आज 55वां दिन है। बीती रात केंद्र के साथ मीटिंग का समय तय होने के बाद डल्लेवाल ने मेडिकल सहायता लेना शुरू कर दिया। लेकिन इस बात पर डा.सवाईमान सिंह ने आप्पति जताई है। उन्होंने कहा है की ये किसानो के साथ धोखा है। उन्होंने कहा की किसान चालों में न फसें। उन्होंने कहा कि वहां से सरकारी डॉक्टर ने कहा की हम 14 फ़रवरी तक दवाइयों पर डल्लेवाल को जिन्दा रख सकेंगे।

डा.सवाईमान सिंह ने कहा ने सवाल उठाया की अगर सरकार इस मुद्दे पर सीरियस है तो 14 फ़रवरी तक का लम्बा समय मीटिंग के लिए क्यों तय किया गया। उन्होंने कहा की दवाइयों का प्रयोग बिमारी के इलाज के लिए किया जाता है। इतिहास में पहली बार ऐसा होगा की किसी को जिन्दा रखने के लिए दवाइयों का प्रयोग हो रहा है।

उन्होंने मांग की कि अब डल्लेवाल के साथ सरकारी डॉक्टर हर समय मौजूद रहना चाहिए। उन्होंने कहा की किसानों के बच्चे पढ़े लिखे है उनके साथ छल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा की डल्लेवाल और किसानों की जिंदगी बहुत जरूरी है।

बता दें कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, जो 26 नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं, ने रविवार को चिकित्सा सहायता लेने पर सहमति जताई। डल्लेवाल को ड्रिप लगा दी गई है। लेकिन डल्लेवाल ने अभी तक मरण व्रत खत्म नहीं किया है।आमरण अनशन 55वें दिन में प्रवेश कर गया है। एक किसान आगू ने बताया की उन्होंने स्पष्ट किया कि वे तब तक अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त नहीं करेंगे, जब तक कि किसानों को फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी नहीं दी जाती।

किसान नेता सुखजीत सिंह हरदोझंडे ने चिकित्सा सहायता की अनुमति देने के निर्णय की पुष्टि करते हुए बताया कि डल्लेवाल की तबीयत खराब हो गई है, उपवास के दौरान नेता का वजन करीब 20 किलोग्राम कम हो गया है। जबकि दल्लेवाल की हालत “गंभीर” बताई गई थी, उन्होंने पहले अपने विरोध की गंभीरता को उजागर करने के लिए चिकित्सा उपचार लेने से इनकार कर दिया था।

यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब केंद्र सरकार ने 14 फरवरी को चंडीगढ़ में पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों के साथ उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए बैठक करने पर सहमति जताई है। यह बैठक आंदोलनकारियों के साथ बातचीत फिर से शुरू करने को लेकर गतिरोध को खत्म करेगी, जो फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।

इससे पहले शनिवार को संयुक्त सचिव प्रिय रंजन के नेतृत्व में केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने डल्लेवाल से मुलाकात की और पिछले 11 महीनों से आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। शनिवार को खनौरी सीमा पर आमरण अनशन में 10 और किसान शामिल हुए, जिससे अनशन करने वाले किसानों की कुल संख्या 121 हो गई।

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