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खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक ने धान खरीद प्रबंधों का लिया जायजा

चंडीगढ़: पंजाब के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक ने आज खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और अंतर-राज्यीय सीमाओं पर टीमों की तैनाती के लिए पुलिस विभाग के साथ समन्वय करने के निर्देश दिए ताकि आगामी खरीफ सीज़न के दौरान राज्य के बाहर से अवैध रिसाइकिल धान/चावल की पंजाब में प्रवेश पर रोक लगाने और धान की फर्जी बिलिंग से बचा जा सके। धान की खरीद से संबंधित किए गए प्रबंधों पर संतोष जताते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की फसल की सुचारू और बाधारहित खरीद सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सभी हितधारकों के लिए सीज़न के दौरान सुचारू खरीद सुनिश्चित करने के संबंध में मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मंत्री ने उच्च अधिकारियों से राज्य के चावल मिलरों के सभी जायज़ मुद्दों पर विचार करने को कहा, जिसमें भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) के पास जगह की कमी का मुद्दा भी शामिल है।

उन्होंने बताया कि एफ.सी.आई. के पास जगह की कमी का मुद्दा राज्य सरकार पहले ही केंद्र सरकार के समक्ष उठा चुकी है। बैठक के दौरान प्रमुख सचिव खाद्य श्री विकास गर्ग ने मंत्री को अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा खरीफ मंडीकरण सीज़न 2024-25 के चावल की डिलीवरी के लिए आवश्यक स्थान की मांग के जवाब में केंद्रीय मंत्रालय ने दिसंबर 2024 तक 40 लाख मीट्रिक टन धान के लिए जगह बनाने का लिखित आश्वासन दिया है और साथ ही अक्टूबर के अंत तक 15 लाख मीट्रिक टन चावल/धान राज्य से उठाने का भरोसा भी दिया है। मंत्री ने विभाग को स्टॉक ले जाने संबंधी एफ.सी.आई. और डी.एफ.पी.डी., भारत सरकार के साथ निकट समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि खरीफ मंडीकरण सीज़न 2024-25 के चावल की डिलीवरी के लिए आवश्यक स्थान बनाया जा सके। मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा चावल के निर्यात के लिए निर्यात शुल्क में कटौती से अनाज के लिए जगह बनाने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य में 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले सीज़न के दौरान किसानों द्वारा मंडियों में लाए जाने वाले 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की उम्मीद है।

राज्य में धान की खेती के अधीन क्षेत्र 32 लाख हेक्टेयर है, जिसके साथ पंजाब सरकार ने 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य के लिए खरीफ सीज़न 2024-25 के लिए आरबीआई द्वारा 41,378 करोड़ रुपए की नकद ऋण सीमा (सी.सी.एल) पहले ही जारी की जा चुकी है। बैठक में खाद्य और आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव ने मंत्री को अवगत कराया कि चावल मिलरों के मुख्य मुद्दों जैसे एमएसपी के 1% तक ड्रेयज चार्जेज की बहाली, चावल को दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए परिवहन खर्च की भरपाई आदि को भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के समक्ष जोर-शोर से उठाया गया है। कैबिनेट मंत्री ने चावल मिलरों के सभी जायज़ मुद्दों का समयबद्ध और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख सचिव खाद्य आपूर्ति को केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार निर्धारित नियमों का सख्ती से पालन करते हुए किसानों की फसल की निर्विघ्न, सुचारू और निर्बाध खरीद सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने इस सीज़न में ग्रेड ‘ए’ धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,320 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। राज्य की चार खरीद एजेंसियां पनग्रेन, मार्कफेड, पनसप, पीएसडब्ल्यूसी और केंद्रीय खरीद एजेंसी एफसीआई, भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद करेंगी। बैठक में अन्य अधिकारियों के साथ प्रमुख सचिव खाद्य और आपूर्ति विकास गर्ग, निदेशक खाद्य और आपूर्ति पुनीत गोयल, अतिरिक्त सचिव कमल कुमार गर्ग, अतिरिक्त प्रबंध निदेशक पनग्रेन राकेश पोपली, अतिरिक्त निदेशक राइस अजयवीर सिंह सराओ उपस्थित थे।

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