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‘गुरुद्वारा एक पवित्र स्थान’, इसके धन के दुरुपयोग से लोगों की भावनाएं आहत होती हैं: हाईकोर्ट

चंडीगढ़ : गुरुद्वारे के फंड के दुरुपयोग के आरोपियों द्वारा अग्रिम जमानत की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि गुरुद्वारा एक पवित्र स्थान है, इसके धन के दुरुपयोग से कई लोगों की भावनाएं आहात होती हैं। जस्टिस हरनरेश सिंह गिल ने आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि अगर ऐसे अपराध के आरोपियों को जमानत पर छोड़ा गया तो इससे गलत संदेश जाएगा और ऐसा करने से धोखाधड़ी करने वालों को हवा मिलेगी। इस अपराध के आरोपी किसी रियायत के अधिकारी नहीं हैं।

यह मामला गुरुद्वारा सिंह सभा बरवाला का है। आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने गुरुद्वारे के फंड का दुरुपयोग किया है। आरोपियों ने अग्रिम जमानत दायर कर कहा कि उन्होंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है। फंड से उनके द्वारा निकाली गई राशि का उपयोग गुरुद्वारे के भवन के निर्माण और मरम्मत कार्य के अलावा गुरुद्वारा समिति की दुकानों के लिए किया गया था। वह बाकी की राशि अदालत में जमा करवाने के लिए तैयार हैं।

वहीं आरोपियों की जमानत का विरोध करते हुए सरकार की तरफ से बताया गया कि गुरुद्वारा सिंह सभा के नाम पर कई एफडी थी, जो दिसंबर 2022 में परिपक्व होने वाले थी लेकिन इन एफडी को समय से पहले बंद कर याचिकाकर्त्ताओं ने मिलीभगत से अपने और एक याचिकाकर्ता आरोपी द्वारा संचालित एक निजी कंपनी के खाते में पैसे ट्रांसफर किए हैं। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि यह एक गंभीर आरोप है।

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