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लुधियाना के प्रतिष्ठित 100 करोड़ के Shastri Badminton Hall पर हुआ नाजायज कब्जा

चौंकाने वाले खुलासे में सामने आया है कि लुधियाना का प्रतिष्ठित शास्त्री बैडमिंटन हॉल जिसकी कीमत 100 करोड़ से अधिक है, पिछले 15 वर्षों से अनधिकृत रूप से लुधियाना बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव अनुपम कुमरिया के नियंत्रण में है।

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लुधियाना: चौंकाने वाले खुलासे में सामने आया है कि लुधियाना का प्रतिष्ठित शास्त्री बैडमिंटन हॉल जिसकी कीमत 100 करोड़ से अधिक है, पिछले 15 वर्षों से अनधिकृत रूप से लुधियाना बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव अनुपम कुमरिया के नियंत्रण में है।

1970 के दशक में बना यह अत्याधुनिक स्टेडियम, जो प्रतिदिन करीब 400 खिलाड़ियों को सेवा प्रदान करता है, तकनीकी रूप से लुधियाना नगर निगम के स्वामित्व में है। लेकिन बिना किसी आधिकारिक अनुमति के, अनुपम कुमरिया ने इसे अपने व्यक्तिगत साम्राज्य की तरह संचालित किया है। उन्होंने अपने घर के पते पर अनधिकृत बैडमिंटन अकादमी पंजीकृत करवाई, बिना अनुमति टूर्नामेंट आयोजित किए और कथित रूप से करोड़ों रुपये का गबन किया।

एक धोखाधड़ी संगठन: लुधियाना बैडमिंटन एसोसिएशन:

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि लुधियाना बैडमिंटन एसोसिएशन केवल नाम मात्र का संगठन है।
– इसका कोई संविधान नहीं है
– कोई बैंक खाता नहीं है
– कोई बैलेंस शीट, ऑडिटर, चुनाव या कार्यकारी बैठकें नहीं होतीं
– मात्र छह आजीवन सदस्य हैं और यह संगठन पिछले 20 वर्षों से एक बंद क्लब की तरह चलाया जा रहा है

अनुपम कुमरिया (सचिव) ,मोहिंदर सिंह ग्रेवाल (अध्यक्ष), बिरींदर जीत सिंह (कोषाध्यक्ष), विपिन प्रशार, जय प्रकाश धंड (उपाध्यक्ष) और चरणजीत सिंह (तकनीकी सलाहकार) के रूप में पिछले 15-20 सालों से बिना चुनावों के लुधिअना बैडमिंटन एसोसिएशन चला रहे है।

सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा

लुधियाना बैडमिंटन एसोसिएशन के आधिकारिक पत्राचार के लिए सरकारी संपत्ति शास्त्री बैडमिंटन हॉल का पता मुख्यालय के रूप में उपयोग किया जा रहा है, वह भी बिना किसी कानूनी अनुमति के। खिलाड़ियों से प्रवेश शुल्क और दान के नाम पर लाखों रुपये वसूले जा रहे हैं और वह भी नकद में, बिना किसी रसीद के। कुमरिया दावा करता है कि लुधियाना बैडमिंटन अकादमी मुफ्त कोचिंग देती है, लेकिन बैंक रिकॉर्ड से खुलासा हुआ है कि खिलाडियों के माता-पिता से “दान” के नाम पर लाखों रुपये अकादमी को दिए गए है। टूर्नामेंट से मिलने वाली स्पॉन्सरशिप और प्रवेश शुल्क सीधे अकादमी के बैंक खातों में जमा होते हैं, जबकि यह संगठन बिना किसी किराए के सरकारी संपत्ति का मुफ्त उपयोग कर रहा है।

राजनीतिक संरक्षण के कारण कार्रवाई नहीं?

खिलाड़ियों, अभिभावकों और व्हिसलब्लोअर्स ने जिला प्रशासन और नगर निगम से कई शिकायतें की हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कहा जा रहा है कि कुमरिया को पूर्व कांग्रेस मंत्री का समर्थन प्राप्त है। AAP सांसद संजीव अरोड़ा के रिश्तेदार ने भी उपायुक्त से शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अवैध साम्राज्य अब भी बेखौफ जारी है। दिवंगत विधायक गुरप्रीत गोगी ने नगर निगम को कुमरिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन उनकी असामयिक मृत्यु के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

भ्रष्टाचार और घोटालों का पुराना इतिहास

यह पहली बार नहीं है जब अनुपम कुमरिया किसी घोटाले में फंसे हैं। उनका पिछला रिकॉर्ड धोखाधड़ी और अवैध कब्जों के आरोपों से भरा हुआ है। सिविल लाइंस स्थित अपने निवास पर उन्होंने सरकारी 16 फुट चौड़ी सड़क पर नाजायज़ निर्माण कर के कब्ज़ा किया हुआ है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इसे ध्वस्त करने का आदेश दिया था, लेकिन संवेदनशीलता का हवाला देकर नगर निगम ने कार्रवाई नहीं की।यह मामला अभी भी लुधियाना Vigilance फाइल नंबर 760/222 में लंबित है।

क्रिकेट घोटाला: लुधियाना जिला क्रिकेट एसोसिएशन में भी भ्रष्टाचार

अनुपम कुमरिया लुधियाना जिला क्रिकेट एसोसिएशन (LDCA) के सचिव भी रह चुके हैं। उनके कार्यकाल में लाखों रुपये के गबन के आरोप लगे थे। शिकायतें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तक पहुंची, जिन्होंने जांच के आदेश दिए। जब Vigilance विभाग ने जांच शुरू की, कुमरिया ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन आज तक कोई न्याय नहीं मिला।

क्या अब होगी कार्रवाई?

हाल ही में अंतर राष्ट्रीय खिलाडी आनंद तिवारी ने डिप्टी कमिश्नर और कमिश्नर ऑफ़ पुलिस लुधियाना को सबूतों के साथ कंप्लेंट की है।

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