राज्य में अकाली दल के सत्ता में आने पर मानसा में मैडीकल कालेज स्थापित किया जाएगा : Sukhbir Badal

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि दिल्ली की तरह पंजाब में भी शासन का काम पूरी तरह से ठप्प हो गया है

मानसा: शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि दिल्ली की तरह पंजाब में भी शासन का काम पूरी तरह से ठप्प हो गया है, क्योंकि मुख्यमंत्री भगवंत मान महीनों से किसी भी सरकारी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में सरकारी कामकाज पूरी तरह से तहस-नहस हो गया है। सरदार सुखबीर सिंह बादल ने यह भी वादा किया कि अकाली दल के राज में सत्ता में आने के बाद मानसा में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि आप सरकार द्वारा 16 मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का वादा करने के बावजूद एक भी संस्थान पर काम शुरू नहीं करने के लिए कड़ी आलोचना की है।

यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली में दो लाख स्कूली छात्रों को उनकी स्कूल यूनिफॉर्म, किताबें और स्टेशनरी नहीं मिली है, क्योंकि भ्रष्टाचार में गिरफ्तार होने के बावजूद अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा महीनों से महत्वपूर्ण फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं किए जाने के कारण विभिन्न परियोजनाओं पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं के लिए एनओसी भी महीनों से मुख्यमंत्री की मंजूरी का इंतजार कर रही है।


पंजाबियों से इन सत्ता के भूखे राजनेताओं को दंडित करने का आग्रह करते हुए सरदार बादल ने कहा कि पंजाब में ऐसी स्थिति पहली बार हुई है कि स्वास्थ्य विभाग और पंजाब पुलिस सहित विभिन्न विभागों को वेतन लगभग 25 अप्रैल तक जारी नहीं किया गया है। यह कहते हुए कि आप सरकार राजस्व जुटाने में पूरी तरह से विफल रही है, सरदार बादल ने कहा, हाल ही में सरकार ने आदर्श आचार संहिता के दौरान पंजाब सरकार के स्टॉक की नीलामी करके 2500 करोड़ रुपए उधार लिए।

उन्होने कहा कि अकाली दल की अगुवाई में एक जन-समर्थक सरकार की स्थापना के लिए मंच तैयार करेगा जो एक क्षेत्रीय पार्टी होने के नाते हमेशा पंजाब के हितों को पहले रखेगी और पंजाब और पंजाबियों के सभी लंबित मुददों का समाधान करने के लिए दृढ़ता से काम करेगी। अकाली दल अध्यक्ष के साथ वरिष्ठ नेताओं में प्रेम अरोड़ा, डॉ. निशान सिंह, गुरमेल सिंह फफड़ेके, सर्बजीत सिंह ङिांझर और गुरप्रीत सिंह झब्बर, गुरपाल ठेकेदार भी मौजूद थे।

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