चंडीगढ़ : पंजाब के रक्षा सेवाएं कल्याण मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने स्वतंत्रता सेनानी भाई वीर सिंह वीर की पत्नी सुरजीत कौर के निधन पर शोक व्यक्त किया है। माता सुरजीत कौर का 108 साल की उम्र में बीती रात देहांत हो गया।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि माता सुरजीत कौर का जीवन पंजाबियत की दृढ़ भावना से लबरेज़ था। उनकी एक सदी से अधिक की जीवन यात्रा पंजाब की समृद्ध विरासत के साथ शिंगारी हुई थी। उन्होंने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी भाई वीर सिंह वीर की जीवन साथी बनकर माता सुरजीत कौर की ज़िंदगी में और अधिक निखार आया। भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान अमृतसर के निवासी भाई वीर सिंह वीर ने साल 1942 में महात्मा गांधी के साथ चार साल जेल में बिताए। इस अरसे के दौरान माता सुरजीत कौर भी उनके साथ दृढ़ता के साथ खड़े रहे और उन्होंने भी अपने पति के साथ 10 महीने कैद में बिताए।
कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने इस दुख की घड़ी में दुखी परिवार के साथ दिली हमदर्दी ज़ाहिर करते हुए ईश्वर के समक्ष प्रार्थना की कि वह दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में शाश्वत निवास प्रदान करें और दुखी परिवार एवं सके-संबंधियों को ईश्वरीय आदेश मानने का बल प्रदान करें।
चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि ऐसी प्रतिष्ठित शख्सियत के निधन से बड़ा खालीपन आ गया है परन्तु माता सुरजीत कौर की विरासत आने वाली पीढिय़ों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी और उनकी याद हमेशा हमारे दिलों में बसती रहेगी। माता सुरजीत कौर अपने पीछे पुत्र अमरजीत सिंह भाटिया और बेटी इन्दरजीत कौर छोड़ गए हैं।