चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने धान की खरीद प्रक्रिया से जुड़े सभी भागीदारों के हितों को हमेशा प्राथमिकता दी है। इसका प्रमाण यह है कि वर्तमान खरीद सीजन के दौरान राज्य की मंडियों में गत देर शाम तक कुल 18,31,588 मीट्रिक टन धान की आवक हुई, जिसमें से 16,37,517 मीट्रिक टन की खरीद की जा चुकी है, जो कि 90 प्रतिशत बनती है। आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए पंजाब के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक ने बताया कि अब तक किसानों के खातों में लगभग 3000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है।
इस संबंधी जानकारी देते हुए मंत्री बताया कि खरीद सीजन को सुचारू और व्यवस्थित बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने 2651 खरीद केंद्र चालू किए हैं। इसके अलावा, अब तक 2184 चावल मिल मालिकों ने मिलों की अलॉटमेंट के लिए आवेदन किया है। भंडारण की उपलब्धता के बारे में बताते हुए मंत्री ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम के अनुसार इस समय 9.5 एलएमटी स्थान उपलब्ध है। राज्य में दिसंबर महीने में मिलिंग शुरू होती है, इसलिए दिसंबर 2024 तक लगभग 30 लाख मीट्रिक टन जगह उपलब्ध करा दी जाएगी। मंत्री ने आगे बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल 4 लाख मीट्रिक टन अधिक अनाज की मूवमेंट दर्ज की गई है। इस साल अप्रैल से सितंबर तक 85.53 लाख मीट्रिक टन मूवमेंट दर्ज की गई, जबकि 2023 में अप्रैल से सितंबर की अवधि के दौरान यह आंकड़ा 81.73 लाख मीट्रिक टन था।
चावल मिल मालिकों की मांगों के बारे में मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बैठक में मिल मालिकों की विभिन्न मांगों को जोरदार तरीके से उठाया है। राज्य सरकार द्वारा चावल मिल मालिकों की भलाई के लिए उठाए गए कदमों की सूची देते हुए कटारूचक ने आगे कहा कि कई वर्षों से रुकी हुई कस्टम मिलिंग राइस (सीएमआर) की सिक्योरिटीज , एक साल को छोड़कर, बाकी, मिल मालिकों को वापस की जा रही है। इससे चावल मिल मालिकों को 150 करोड़ रुपये की राहत मिली है।
इसके साथ ही , पहले ली जाने वाली 175 रुपये प्रति टन सीएमआर सिक्योरिटी की जगह अब केवल 10 रुपये प्रति टन वसूली जाएगी, जिससे मिल मालिकों को 300 करोड़ रुपये का लाभ होगा। इसके अलावा, इस साल की नीति के तहत सिक्योरिटी दर टन क्षमता के अनुसार निर्धारित किया गया है, जबकि पिछले वर्षों के दौरान हर मिल से यह सिक्योरिटी 11 लाख रुपये की समान दर से वसूली गई थी। लेकिन अब, 2 मीट्रिक टन तक क्षमता वाली मिलों से 5 लाख, 2 से 5 मीट्रिक टन तक क्षमता वाली मिलों से 7.5 लाख, जबकि 5 मीट्रिक टन से अधिक क्षमता वाली मिलों से 11 लाख रुपये वसूले जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, अनाज मंडियों में काम करने वाले मजदूरों/पल्लेदारों के हितों का ध्यान रखते हुए पंजाब सरकार ने बोरियों की लोडिंग की दर को संशोधित कर अब 1.94 रुपये से बढ़ाकर 2.34 रुपये कर दिया है। मंत्री ने खरीद सीजन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सभी भागीदारों को एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया, क्योंकि सरकार उनकी भलाई के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।