नयी दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने सीमा पार तस्करी के जरिए पंजाब में ड्रोन द्वारा हथियारों की आपूर्ति से संबंधित एक मामले में ‘वांछित आतंकवादी’ लखबीर सिंह रोडे उर्फ बाबा और रंजोत उर्फ राणा सहित पांच लोगों के खिलाफ मंगलवार को आरोप पत्र दायर किया।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि रोडे और रणजोत के अलावा आरोपपत्र में नामित अन्य लोगों में पंजाब के गुरदासपुर का तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना और गुरजीत सिंह उर्फ पा और पाकिस्तान स्थित तस्कर रहमत अली उर्फ मियां शामिल है।
पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्र बटाला के डेरा बाबा नानक के बगताना बोहरवाला गांव में 24 मार्च 2023 को एक श्मशान घाट से हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद किए जाने के मामले में मोहाली स्थित एनआईए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया था। जब्त किए गए हथियारों में पांच ग्लॉक पिस्तौल, 10 मैगजीन और कारतूस शामिल थे।
प्रवक्ता ने कहा कि अब तक की जांच से मामले में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सदस्यों और पाकिस्तान स्थित व्यक्तियों के बीच संबंध सामने आए हैं।
मंगलवार को दाखिल किए गए आरोप पत्र में जिन आरोपियों के नाम शामिल हैं उनमें से एक की पहचान एनआईए ने मलकीत सिंह उर्फ पिस्टल के तौर पर की थी। आरोपी सीमा पार से हथियारों की तस्करी के जटिल नेटवर्क में शामिल था। मलकीत पर पहले 11 नवंबर, 2023 को मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था।
प्रवक्ता ने कहा कि मलकीत, तन्ना और पा का रहमत अली, रोडे और रंजोत से सीधे संपर्क का पता चला।
जांच के अनुसार तस्करी से मिले इन हथियारों का उपयोग अन्य धर्मों के व्यक्तियों को निशाना बनाकर की जाने वाली हत्याओं और प्रतिबंधित खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) के वास्ते धन जुटाने के इरादे से जबरन वसूली में किया जाना था।
पूरी साजिश का उद्देश्य मीडिया में हलचल पैदा करना भी था। इसका अंतिम उद्देश्य भारत में भय और आतंक का माहौल बनाना था। रोडे केएलएफ से जुड़ा था और आईएसवाईएफ का प्रमुख था, जिसकी दिसंबर 2023 में पाकिस्तान में मौत होने की खबर है।
केएलएफ और आईएसवाईएफ दोनों को उनके हिंसक अभियान के तहत हत्याओं, बमबारी और विभिन्न अन्य आतंकवादी गतिविधियों सहित जघन्य अपराधों की कई घटनाओं में उनकी प्रत्यक्ष भागीदारी के कारण केंद्र द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है।
कानून प्रवर्तन से जुड़े र्किमयों पर साजिशन हथियारबंद हमलों, आपराधिक धमकी, हत्या, जबरन वसूली, आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने और आम जनता के बीच आतंक पैदा करने के जवाब में इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया।
वर्तमान मामला शुरू में बटाला थाने में शस्त्र अधिनियम और विमान अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया था। एनआईए ने मामले में जांच का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया और कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की कुछ धाराएं जोड़कर मामला फिर से दर्ज किया।