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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114चंडीगढ़ : पंजाब के किसानों के सर्वोपरि हितों की चर्चा करते हुए पूर्व सांसद और पंजाब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने केंद्र सरकार से धान उद्योग की सभी मूलभूत मांगों को प्रभावी ढंग से हल करने का आग्रह किया है। जाखड़ ने भाजपा महासचिव तरूण चुघ के साथ केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल से दिल्ली में मुलाकात के दौरान उन्हें न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) पर प्रतिबंध के बारे में धान उत्पादकों व उद्योगपतियों की चिंताओं से अवगत कराया। उन्हें बासमती और धान उगाने वाले किसानों की आय पर होने वाले संभावित प्रभाव की भी जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री ने जाखड़ को आश्वासन दिया कि किसानों और चावल उद्योग को केंद्र द्वारा पूर्ण सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी। गोयल ने संबंधित अधिकारियों से चावल उद्योग की मूलभूत मांगों पर प्राथमिकता के आधार पर गौर करने को कहा। उन्होने यह भी कहा कि बासमती पर 1200 डॉलर प्रति टन की न्यूनतम निर्यात मूल्य सीमा एक अस्थायी उपाय है और चावल निर्यातकों को शीघ्र उचित राहत दी जाएगी।
फोर्टिफाइड चावल (एफआर) के नमूनों की विफलता के मुद्दे पर जाखड़ ने कई राइस मिलर्स एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों के साथ प्रयोगशाला परीक्षण की गुणवत्ता को लगातार बढ़ाने के प्रयासों के लिए केंद्रीय खाद्य विभाग की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री से प्रभावी तंत्र विकसित करने पर विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि चावल के नमूनों में त्रुटि का सारा दोष मिलर्स का नहीं है। इससे पूर्व प्रासंगिक रूप से, विभिन्न राइस मिलर एसोसिएशनों ने अपनी चिंताएं जाखड़ से सांझी की थी और उनसे इन मुद्दों का तार्किक समाधान करने का आग्रह किया था।
चावल मिलर्स सरकार द्वारा अधिकृत निजी निर्माताओं से फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (एफआरके) खरीदते हैं। उन्हें केवल कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) का उचित मिश्रण अनुपात सुनिश्चित करने के लिये ही जिम्मेवार ठहराया जा सकता है। जाखड़ ने कहा कि फोर्टिफाइड चावल के माध्यम से नागरिकों को बेहतर पोषण प्रदान करने का विशेष प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत भारत के दृष्टिकोण को साकार करने का हिस्सा है। उन्होने लंबे समय से इस उद्देश्य में समान भागीदार होने के लिए धान उगाने वाले किसानों और चावल मिलिंग उद्योग की सराहना की।