अग्निवीर अमृतपाल सिंह को क्यों नहीं दिया गया शहीद का दर्जा? सेना के अधिकारी ने बताई वजह

मानसा जिले का 19 वर्षीय अग्निवीर अमृतपाल सिंह जम्मू-कश्मीर के राजौरी में तैनात था। मिली जानकारी के अनुसार 11 अक्टूबर को उनको खुद की राइफल से गोली लग गई और मौत हो गई। अमृतपाल सिंह का 13 अक्टूबर को उनके पैतृक गांव कोटली कलां में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अमृतपाल के.

मानसा जिले का 19 वर्षीय अग्निवीर अमृतपाल सिंह जम्मू-कश्मीर के राजौरी में तैनात था। मिली जानकारी के अनुसार 11 अक्टूबर को उनको खुद की राइफल से गोली लग गई और मौत हो गई। अमृतपाल सिंह का 13 अक्टूबर को उनके पैतृक गांव कोटली कलां में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

अमृतपाल के पा​र्थिव शरीर को प्राइवेट एंबुलेंस में गांव लाया गया था। अमृतपाल को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ भी नहीं दिया गया, जिसको लेकर विवाद भी हुआ। सेना के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया गया क्योंकि उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की थी। वह युद्ध में शहीद नहीं हुए थे लेकिन यह भी कहा गया कि अग्निवीर और अग्निपथ योजना से पहले या बाद में सेना में शामिल होने वालों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।

 

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