चंबल घाटी में अब गोलियां नहीं बल्कि बरसते है चौके छक्के

इटावा: कुख्यात दस्यु गिरोहों के कारण दशकों तक आतंक का पर्याय बनी चंबल घाटी इन दिनो न सिर्फ नैसर्गिक सुदंरता के चलते पर्यटकों को आकर्षित कर रही है बल्कि चंबल की वादियों में बसे गांव कस्बों में क्रिकेट प्रेमी युवा खिलाड़ी अपने हुनर की नुमाइश कर रहे हैं। चंबल विद्यापीठ के सौजन्य से आयोजित ‘चंबल.

इटावा: कुख्यात दस्यु गिरोहों के कारण दशकों तक आतंक का पर्याय बनी चंबल घाटी इन दिनो न सिर्फ नैसर्गिक सुदंरता के चलते पर्यटकों को आकर्षित कर रही है बल्कि चंबल की वादियों में बसे गांव कस्बों में क्रिकेट प्रेमी युवा खिलाड़ी अपने हुनर की नुमाइश कर रहे हैं।

चंबल विद्यापीठ के सौजन्य से आयोजित ‘चंबल क्रिकेट लीग सीजन-2’ का आयोजन चंबल आश्रम हुकुमपुरा ग्राउंड पर किया जा रहा है। एक अप्रैल से शुरू हुए इस आयोजन का समापन संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के निर्वाण दिवस 14 अप्रैल को होगा ।

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