मुंबई: वानखेड़े स्टेडियम पर गगनभेदी छक्के लगाने वाले ग्लेन मैक्सवेल की पारी को लेकर अफगानिस्तान के कोच जोनाथन ट्रॉट ने कहा कि काश वे दर्शक दीर्घा में भी फील्डर लगा पाते ताकि उन्हें आउट किया जा सके। मैक्सवेल ने पारी की शुरूआत में मिले जीवनदान का फायदा उठाते हुए 128 गेंद में नाबाद 201 रन बनाये जिसमें 21 चौके और 10 छक्के शामिल थे। एक समय पर 292 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए आस्ट्रेलिया ने सात विकेट 91 रन पर गंवा दिये थे लेकिन मैक्सवेल ने चमत्कारिक जीत दिलाई।
ट्रॉट ने मैच के बाद कहा ,‘‘कुछेक चीजें हम अलग तरीके से कर सकते थे।लेकिन वह जिस तरीके से खेल रहा था, हम दर्शक दीर्घा में फील्डर नहीं लगा सकते थे। काश लगा पाते ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘उसे पूरा श्रेय जाता है। उसने जिस तरह से दोहरा शतक लगाया, वह शानदार था। वह जीत का हकदार था ।’’ ट्रॉट ने स्वीकार किया कि आस्ट्रेलिया के सात विकेट 91 रन पर लेने के बाद उनकी टीम सही मानसिकता के साथ नहीं खेली।
उन्होंने कहा ,‘‘हम मैक्सवेल के आउट होने का इंतजार करते रहे। मैदान पर खिलाड़ियों का जोश ठंडा पड़ गया था। शायद उन्हें लगा कि वे जीत ही जायेंगे । आस्ट्रेलिया जैसी टीम के सामने ऐसा सोचना गलत था। हर मौका भुनाना चाहिये था। यह अच्छा सबक है। जरा सी एकाग्रता चूकने से मैच पकड़ से इसी तरह निकल जाता है ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘यह युवा टीम है और अभी सीख रही है। उन्हें समझ में आ गया है कि शीर्ष स्तर पर क्रिकेट में कितनी प्रतिस्पर्धा है और आपको हर क्षण पूरे सौ ओवर तक सतर्क रहना होता है।’’