KKFI General Secretary MS Tyagi : भारत अगले साल जनवरी में पहली बार खो-खो विश्व कप की मेजबानी के लिए तैयार है। जमीनी स्तर पर काम कर चुके केकेएफआई के महासचिव एमएस त्यागी ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि यह वैश्विक आयोजन खेल को और अधिक लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
एमएस त्यागी ने कहा, ‘विश्व कप किसी भी महासंघ के लि ए बहुत बड़ी बात है। यह टूर्नामेंट देश में खेल को और अधिक लोकप्रिय बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। युवा पीढ़ी प्रेरित और प्रोत्साहित होगी। मुझे पूरा विश्वास है कि भारत में होने वाले विश्व कप की वजह से खो-खो और अधिक मशहूर होगा।‘
त्यागी 1964 से इस खेल से जुड़े हुए हैं और उन्होंने आठ राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं खेली हैं। इसके अलावा, उन्होंने एनआईएस कोर्स में टॉप किया और उन्हें युवा मामले और खेल मंत्रालय में कोच के रूप में नियुक्त किया गया।
उन्होंने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सहयोग से प्रशिक्षण विधि पाठ्यक्रम (फिटनेस) जीटीएमटी और खेल प्रबंधन पाठ्यक्रम पूरा किया और खो-खो के भविष्य के सितारों का मार्गदर्शन करने में इन कौशल और अनुभव का उपयोग करते हैं।
पूर्व खिलाड़ी का कोच के रूप में शानदार करियर रहा है क्योंकि उन्होंने कबड्डी और खो-खो दोनों के लिए बहुमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं 1985 में पहले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए भारत की कबड्डी टीम का कोच भी था। उससे पहले 1982 में मैं प्रदर्शन के लिए खो-खो टीम का कोच था। 1982-85 तक, मैं कबड्डी और खो-खो दोनों के लिए अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का हिस्सा था।
उन्होंने कहा, ‘मैं 1990 तक राष्ट्रीय कोच था। फिर 1990 में मुझे एनआईएस ने प्रोजेक्ट ऑफिसर नियुक्त किया। मेरी जिम्मेदारी सभी भारतीय टीमों की तैयारियों का ख्याल रखना था। 1990 से 2013 तक मैं यह जिम्मेदारी निभाता रहा। 2013 में मैं रिटायर हो गया लेकिन तत्कालीन खेल मंत्री विजय गोयल ने मुझे निदेशक नियुक्त किया और ग्रामीण विकास खेलों की देखभाल की जिम्मेदारी दी। मैं वहां डेढ़ साल तक रहा।
त्यागी 2017 में केकेएफआई का हिस्सा बने और देश में खेल को बढ़ावा देने के लिए अध्यक्ष सुधांशु मित्तल द्वारा किए जा रहे काम के लिए उनके आभारी हैं। किसी भी खेल में फ्रेंचाइजी-आधारित मॉडल काफी ध्यान आकर्षति कर रहा है। यूकेकेएल एक ऐसा टूर्नामेंट है जिसने सुर्खयिां बटोरी हैं और त्यागी के अनुसार, यह खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में सहायक रहा है।