Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

Covid के डर के कारण China में एशियाई खेलों से बाहर रह सकती हैं Koneru Humpy

नई दिल्लीः एशियाई खेलों में दो बार की स्वर्ण पदक विजेता ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी इस साल के आखिर में होने वाली महाद्वीपीय प्रतियोगिता से बाहर रह सकती हैं क्योंकि इनका आयोजन चीन में हो रहा है जहां से कथित तौर पर कोविड-19 का घातक वायरस निकला और 2020 में पूरी दुनिया में फैला। दुनिया के अधिकांश हिस्सों में हालांकि इस वायरस पर काबू पा लिया गया है। तीन जनवरी 2020 से इस साल पांच अप्रैल तक के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार चीन में कोविड-19 के नौ करोड़ 92 लाख 38 हजार 586 मामले सामने आए और एक लाख 20 हजार 896 लोगों की मौत हुई।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार हालांकि पिछले 24 घंटे में चीन में कोविड संक्रमण का कोई नया मामला नहीं आया है। चीन को शुरुआत में 2022 में हांगझोउ में एशियाई खेलों की मेजबानी करनी थी लेकिन महामारी के कारण इस प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया था। एशियाई खेलों में 13 साल बाद शतरंज की वापसी हो रही है और प्रतियोगिता में उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर हंपी ने कहा, कि मैं एशियाई खेलों में अपनी भागीदारी को लेकर सुनिश्चित नहीं हूं क्योंकि यह चीन में आयोजित हो रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, कि ‘चीन की वजह से, मुझे यकीन नहीं है कि मैं भाग लूंगी। शायद मैं जून या जुलाई में फैसला करूंगी। (यह) कोविड के कारण है, और क्या कारण हो सकता है।’’ विश्व रेपिड शतरंज 2019 की विजेता हंपी ने कहा, ‘‘मैं वास्तव में एशियाई खेलों में खेलना चाहती हूं। लेकिन मैं थोड़ा नाखुश हूं कि इसका आयोजन चीन में हो रहा है। इसलिए मुझे सोचने और उस पर फैसला करने दें।’’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में अभी कोविड-19 के 25 हजार 587 सक्रिय मामले हैं।

हंपी एक किशोरी थी जब उन्होंने दोहा में 2006 के एशियाई खेलों में महिलाओं की व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा का स्वर्ण जीता था। डी हरिका के साथ भारत की शीर्ष महिला शतरंज खिलाड़ियों में शामिल हंपी अगर खेलने का फैसला करती हैं तो 23 सितंबर से शुरू होने वाले हांगझोउ खेलों के लिए भारतीय टीम में उनकी जगह लगभग तय होगी। पिछले साल महाबलीपुरम में ऐतिहासिक शतरंज ओलंपियाड में कांस्य जीतने वाली महिला टीम का हिस्सा रही हंपी ने कहा कि अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) को महिलाओं के शतरंज के लिए और अधिक करना चाहिए।

Exit mobile version