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हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 11 फरवरी 2023

बिलावलु महला ५ छंत ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ मंगल साजु भइआ प्रभु अपना गाइआ राम ॥ अबिनासी वरु सुणिआ मनि उपजिआ चाइआ राम ॥ मनि प्रीति लागै वडै भागै कब मिलीऐ पूरन पते ॥ सहजे समाईऐ गोविंदु पाईऐ देहु सखीए मोहि मते ॥ दिनु रैणि ठाढी करउ सेवा प्रभु कवन जुगती पाइआ ॥ बिनवंति नानक.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 10 फरवरी 2023

आसा ॥ काहू दीन्हे पाट पट्मबर काहू पलघ निवारा ॥ काहू गरी गोदरी नाही काहू खान परारा ॥१॥ अहिरख वादु न कीजै रे मन ॥ सुक्रितु करि करि लीजै रे मन ॥१॥ रहाउ ॥ कुम्हारै एक जु माटी गूंधी बहु बिधि बानी लाई ॥ काहू महि मोती मुकताहल काहू बिआधि लगाई ॥२॥ (परमात्मा ने) कई.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 8 फरवरी 2023

वडहंसु महला ३॥ मन मेरिआ तू सदा सचु समालि जीउ ॥ आपणै घरि तू सुखि वसहि पोहि न सकै जमकालु जीउ ॥ कालु जालु जमु जोहि न साकै साचै सबदि लिव लाए॥ सदा सचि रता मनु निरमलु आवणु जाणु रहाए ॥ दूजै भाइ भरमि विगुती मनमुखि मोही जमकालि ॥ कहै नानकु सुणि मन मेरे तू.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 7 फरवरी 2023

जैतसरी महला ४ घरु १ चउपदे ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ मेरै हीअरै रतनु नामु हरि बसिआ गुरि हाथु धरिओ मेरै माथा ॥ जनम जनम के किलबिख दुख उतरे गुरि नामु दीओ रिनु लाथा ॥१॥ मेरे मन भजु राम नामु सभि अरथा ॥ गुरि पूरै हरि नामु द्रिड़ाइआ बिनु नावै जीवनु बिरथा ॥ रहाउ ॥ बिनु.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 5 फरवरी 2023

सलोक॥ संत उधरण दइआलं आसरं गोपाल कीरतनह ॥ निरमलं संत संगेण ओट नानक परमेसुरह ॥१॥ चंदन चंदु न सरद रुति मूलि न मिटई घांम ॥ सीतलु थीवै नानका जपंदड़ो हरि नामु ॥२॥ पउड़ी ॥ चरन कमल की ओट उधरे सगल जन ॥ सुणि परतापु गोविंद निरभउ भए मन ॥ तोटि न आवै मूलि संचिआ नामु.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 4 फरवरी 2023

सलोक॥ संत उधरण दइआलं आसरं गोपाल कीरतनह ॥ निरमलं संत संगेण ओट नानक परमेसुरह ॥१॥ चंदन चंदु न सरद रुति मूलि न मिटई घांम ॥ सीतलु थीवै नानका जपंदड़ो हरि नामु ॥२॥ पउड़ी ॥ चरन कमल की ओट उधरे सगल जन ॥ सुणि परतापु गोविंद निरभउ भए मन ॥ तोटि न आवै मूलि संचिआ नामु.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 3 फरवरी 2023

धनासरी महला १ ॥ जीवा तेरै नाइ मनि आनंदु है जीउ ॥ साचो साचा नाउ गुण गोविंदु है जीउ ॥ गुर गिआनु अपारा सिरजणहारा जिनि सिरजी तिनि गोई ॥ परवाणा आइआ हुकमि पठाइआ फेरि न सकै कोई ॥ आपे करि वेखै सिरि सिरि लेखै आपे सुरति बुझाई ॥ नानक साहिबु अगम अगोचरु जीवा सची नाई.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 2 फरवरी 2023

सलोकु मः ३ ॥ पूरबि लिखिआ कमावणा जि करतै आपि लिखिआसु ॥ मोह ठगउली पाईअनु विसरिआ गुणतासु ॥ मतु जाणहु जगु जीवदा दूजै भाइ मुइआसु ॥ जिनी गुरमुखि नामु न चेतिओ से बहणि न मिलनी पासि ॥ दुखु लागा बहु अति घणा पुतु कलतु न साथि कोई जासि ॥ लोका विचि मुहु काला होआ अंदरि.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 1 फरवरी 2023

सोरठि महला ३ दुतुकी ॥ निगुणिआ नो आपे बखसि लए भाई सतिगुर की सेवा लाइ ॥ सतिगुर की सेवा ऊतम है भाई राम नामि चितु लाइ ॥१॥ हरि जीउ आपे बखसि मिलाइ ॥ गुणहीण हम अपराधी भाई पूरै सतिगुरि लए रलाइ ॥ रहाउ ॥ कउण कउण अपराधी बखसिअनु पिआरे साचै सबदि वीचारि ॥ भउजलु पारि.

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 30 जनवरी 2023

धनासरी छंत महला ४ घरु १ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ हरि जीउ क्रिपा करे ता नामु धिआईऐ जीउ ॥ सतिगुरु मिलै सुभाइ सहजि गुण गाईऐ जीउ ॥ गुण गाइ विगसै सदा अनदिनु जा आपि साचे भावए ॥ अहंकारु हउमै तजै माइआ सहजि नामि समावए ॥ आपि करता करे सोई आपि देइ त पाईऐ ॥ हरि.
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