जयशंकर ने कहा कि भारत ‘‘निष्पक्ष और उचित समाधान’’ खोजने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यह ऐसा समाधान होना चाहिए, जो समझौतों का सम्मान करता हो और वास्तविक नियंत्रण रेखा को मान्यता देता हो।
विदेश मंत्री ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान रिकॉर्ड वीडियो संदेश में यह भी कहा कि पिछले वर्ष भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान संरचनात्मक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया था, जो मौजूदा वक्त में ग्लोबल साउथ की कठिन परिस्थितियों का केंद्र है।
जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दक्षिण कोरिया के दौरे के वक्त द्विपक्षीय संबंध विशेष रणनीति साझेदार की ऊंचाई पर पहुंचे थे।