CM Yogi Adityanath : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीर बाल दिवस (साहिबजादा दिवस) के अवसर पर गुरुद्वारा कड़ी साधना और बलिदान की परंपरा को याद किया। गुरुवार को अपने आवास पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में उन्होंने सिख समुदाय के अद्वितीय योगदान और उनके साहसिक बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, कि “सिख समुदाय का इतिहास अत्यधिक गौरवमयी है। हालांकि, आज हम सुनते हैं कि काबुल में केवल कुछ सिख परिवार ही बचें हैं। बांगलादेश में घटित घटनाएं और पाकिस्तान में हुए अत्याचार हमें सिख गुरुओं के बलिदानों की याद दिलाते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, कि “गुरु साहिबों के आदर्श हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा प्रदान करते हैं। उनका आशीर्वाद हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। यदि हम उनकी धरोहर को आगे बढ़ाते हैं, तो हम काबुल और बांगलादेश जैसी स्थितियों को रोक सकते हैं।” इस दौरान 11,000 सहज पाठों की शुरुआत भी की गई और मुख्यमंत्री ने गुरु तेग बहादुर के उपदेशों पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री ने सिख समुदाय को देश के एक मजबूत और समृद्ध हिस्से के रूप में पहचानते हुए उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा, कि “एक समय था जब सिखों ने भारतीय सेना में प्रमुख भूमिका निभाई थी, लेकिन आज कुछ ताकतें युवाओं को नशे की लत में फंसा कर उनके प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। हमें ऐसे दुश्मनों से सतर्क रहना होगा।” सिखों और हिंदुओं के बीच एकता की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें उन लोगों से बचना चाहिए जो हमारे बीच फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। भगवान से प्रार्थना है कि वह हमें यह पहचानने की बुद्धि दे कि हमारे दोस्त कौन हैं और हमारे दुश्मन कौन।”
मुख्यमंत्री ने सिख इतिहास को याद करते हुए कहा, कि “गुरु नानक देव जी ने बाबर के अत्याचारों के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाई। गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी भी भारत को मुगलों के अत्याचार से बचाने के लिए था। गुरु तेग बहादुर ने अपना बलिदान दिया, ताकि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा बना रहे।”
मुख्यमंत्री ने सिख गुरुओं की शहादत और उनके योगदान को राष्ट्रीय धरोहर बताते हुए कहा, “यह इतिहास सिर्फ सिख समुदाय का नहीं, बल्कि समूचे राष्ट्र का है। यह हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।” उन्होंने कहा, कि “आज भी गुरुद्वारों में लंगर की परंपरा गुरु नानक देव जी की सीख का परिणाम है, जो समानता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देती है।” इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस वर्ष गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत पुण्यतिथि मनाई जा रही है। उन्होंने लखनऊ में संबंधित गुरुद्वारों के सौंदर्यीकरण के लिए एक विस्तृत योजना तैयार करने का आह्वान किया, जिसमें राज्य सरकार और नगर निगम का सहयोग प्राप्त होगा।