निर्वाचन आयोग ने बनाई उप्र की 10 लोकसभा सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने की योजना

लखनऊ। निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में मतदाताओं को आगामी लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देशय़ से एक योजना तैयार की है। आयोग ने राज्य के 10 ऐसे लोकसभा क्षेत्र चुने हैं, जहां वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में हुए औसतन 59.11 प्रतिशत मतदान से.

लखनऊ। निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में मतदाताओं को आगामी लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देशय़ से एक योजना तैयार की है। आयोग ने राज्य के 10 ऐसे लोकसभा क्षेत्र चुने हैं, जहां वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में हुए औसतन 59.11 प्रतिशत मतदान से कम वोट पड़े थे। निर्वाचन आयोग ने अपनी टर्नआउट कार्यान्वयन योजना (टीआईपी) के हिस्से के रूप में राज्य के 80 लोकसभा क्षेत्रों में से 10 को चुना है, जहां राज्य के कुल मतदान प्रतिशत से कम वोट पड़े थे। इन लोकसभा क्षेत्रों में फूलपुर (48.57 प्रतिशत), कानपुर (51.39 प्रतिशत), इलाहाबाद (51.75 प्रतिशत), श्रवस्ती (52.05 प्रतिशत), गोंडा (52.11 प्रतिशत), डुमरियागंज (52.26 प्रतिशत), प्रतापगढ़ (53.36 प्रतिशत), भदोही (53.45 प्रतिशत), अमेठी (54.05 प्रतिशत) और संत कबीर नगर (54.15 प्रतिशत) शामिल हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि 2019 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में मतदान प्रतिशत काफी कम 59.11 प्रतिशत था, जबकि राज्य में मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। उन्होंने कहा, इस बात को लेकर अत्यंत केंद्रित तरीके से प्रयास किए जा रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग मतदाता सूची में नामांकित हों और वह अपना वोट जरूर डालें। हम इसे रोल फार पोल कहते हैं। कुमार ने कहा ह्लक्ष्स बार, एक ‘टर्नआउट कार्यान्वयन योजना’ बनाई गई है और उन निर्वाचन क्षेत्रों और बूथों को सूचीबद्ध किया गया है जहां मतदान कम हुआ है। उन्होंने कहा, वहां मतदान कम क्यों हुआ है, यह (जिला) कलेक्टर व्यक्तिगत रूप से वहां जाकर देखेंगे। वह उन्हें (मतदाताओं को) लोकतांत्रिक प्रक्रिया (चुनाव) में भाग लेने के लिए मनाने का प्रयास करेंगे।

निर्वाचन आयोग के अनुसार, पिछले लोकसभा चुनाव में देश में औसतन 67 प्रतिशत मतदान हुआ था। आयोग ने एक बयान में कहा कि टीआईपी के हिस्से के रूप में कुमार ने शनिवार को तीन मतदाता जागरूकता एक्सप्रेस वैन को हरी झंडी दिखाई। ये वैन 22 जिलों में जाएंगी, जहां 2019 के चुनावों में कम मतदान हुआ था। बयान में मुताबिक वे मतदाता जागरूकता एक्सप्रेस वैन कानपुर, प्रयागराज, भदोही, श्रवस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली, आंबेडकर नगर, संत कबीर नगर, गाजीपुर, बलिया, बहराईच, लखनऊ, कौशाम्बी, आज़मगढ़, देवरिया, जाैनपुर, वाराणसी और गोरखपुर जिलों में जाएंगी।

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में (23 जनवरी तक) लगभग 15.29 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें 8.14 करोड़ पुरुष मतदाता, 7.15 करोड़ महिला मतदाता और 7,705 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। पहली बार वोट डालने जा रहे (18-19 आयु वर्ग) मतदाताओं की संख्या लगभग 20.41 लाख है। उत्तर प्रदेश में 1,62,012 मतदान केंद्र हैं और इनमें से 38,959 शहरी क्षेत्रों में हैं। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में 1,23,053 मतदान केंद्र हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और उसकी सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने राज्य में 64 लोकसभा सीटें जीती थीं। कांग्रेस को एक, बहुजन समाज पार्टी को 10 और समाजवादी पार्टी को पांच सीटें मिलीं थीं।

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