यूपी की ग्राम अदालत में एक माह में निपटाये चार हजार चकबंदी के लंबित मामले

लखनऊः उत्तर प्रदेश में कुछ माह पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकबंदी संबंधी मामलों के निपटाने में तेजी लाने के निर्देश दिये थे। इस पर चकबंदी विभाग की ओर से लंबित वादों के निपटारे के लिए प्रदेश के विभिन्न शहरों में ग्राम अदालत आयोजित की जा रही है। ग्राम अदालत के जरिये 51 जनपदों के.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में कुछ माह पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकबंदी संबंधी मामलों के निपटाने में तेजी लाने के निर्देश दिये थे। इस पर चकबंदी विभाग की ओर से लंबित वादों के निपटारे के लिए प्रदेश के विभिन्न शहरों में ग्राम अदालत आयोजित की जा रही है। ग्राम अदालत के जरिये 51 जनपदों के 118 गांव में सितंबर से अब तक कुल 6485 वादों को चिन्हित कर 3850 वादों को निस्तारित किया गया है। ग्राम अदालत में चकबंदी अधिकारी, सहायक चकबंदी अधिकारी, उप संचालक चकबंदी और बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी आदि उपस्थित रहते हैं, जो मौके पर वादों को निस्तारण करते हैं। ग्राम अदालत में 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित हजार की संख्या में मामलों को निपटाया गया।

चकबंदी आयुक्त जीएन नवीन कुमार ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में अभियान चलाकर ग्राम अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अवैध कब्जे, परिवारिक और व्यवसायिक विवादों का निस्तारण मौके पर ही किया जा रहा है। 6 सितंबर से अभियान की शुरुआत की गई, जो लगातार चल रहा है। अपर चकबंदी आयुक्त अनुराग पटेल ने बताया कि ग्राम अदालत के तहत बलिया में सबसे ज्यादा 409 वादों को चिन्हित किया गया। यह मामले बलिया के तीन गांव फरसाटार, चंदाडीह और पिपरौली से संबंधित रहे हैं। ग्राम अदालत में एक दिन में 126 मामलों को निपटारा किया गया जबकि 283 मामलों को निपटाया जाना है।

इसी तरह अयोध्या के चार गांव मलेथूबुजुर्ग, लक्ष्मनपुरगंट, कोटिया और सडरी से 407 वादों को चिन्हित किया गया। इनमें से 235 वादों को निस्तारित किया गया। वहीं शेष 172 वादों का निस्तारण अभी बाकी है। बांदा के पांच गांव अरसौडा, सिलेहटा, खप्टिहाखुर्द बांगर, भदावल और मडौलीकला बागर में 374 वाद चिन्हित किए गए, जिसमें से 263 वादों को निस्तारित किया गया जबकि 111 वादों को निस्तारित किया जाना है।

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