मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करने वाला सहयोगी संग गिरफ्तार

लखनऊः उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का कथित तौर पर प्रोटोकॉल अधिकारी बनकर विभिन्न विभागों में तबादला, राजनीतिक पद और ठेका आदि दिलाने का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले जालसाज को उसके सहयोगी के साथ गिरफ्तार कर लिया। रविवार को एसटीएफ मुख्यालय ने यह जानकारी दी। एसटीएफ मुख्यालय से.

लखनऊः उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का कथित तौर पर प्रोटोकॉल अधिकारी बनकर विभिन्न विभागों में तबादला, राजनीतिक पद और ठेका आदि दिलाने का झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले जालसाज को उसके सहयोगी के साथ गिरफ्तार कर लिया। रविवार को एसटीएफ मुख्यालय ने यह जानकारी दी।
एसटीएफ मुख्यालय से यहां जारी एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री उप्र का प्रोटोकॉल अधिकारी एवं विशेष सचिव (निवेश), उप्र सरकार बनकर विभिन्न विभागों में तबादला कराने तथा महत्वपूर्ण राजनीतिक पद, ठेका आदि दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले रामशंकर गुप्ता उर्फ आशीष गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है।

इसमें कहा गया कि रामशंकर गुप्ता निवासी मोहल्ला दुबे, थाना बीसलपुर, जिला पीलीभीत अपने साथी अरविन्द त्रिपाठी उर्फ गणेश जी उर्फ गुरुजी निवासी दिल्‍ली के साथ शनिवार की शाम को राजधानी के विभूतिखंड थाना क्षेत्र के बासमंडी रोड स्थित समाज कल्याण कार्यालय तिराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। बयान में कहा गया कि एसटीएफ को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि मुख्यमंत्री का सुरक्षा अधिकारी एवं विषेष सचिव निवेश, उप्र सरकार बताकर विभिन्न विभाग में ठेका दिलाने, तबादला कराने और शासन द्वारा मनोनीत विभिन्न बोर्ड के अध्यक्ष/मंत्री का दर्जा दिलाने के नाम पर अवैध रुप से कुछ लोगों द्वारा फर्जीवाड़ा कर ठगी की जा रही है।

इस सम्बन्ध में एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह के पर्यवेक्षण में अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी। अभिसूचना संकलन के दौरान शनिवार को पता चला कि रामशंकर नाम का व्यक्ति जो अपना नाम बदलकर आशीष गुप्ता रखा है वह खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय का प्रोटोकॉल अधिकारी बताकर विभिन्न विभागों में तबादला, महत्वपूर्ण राजनीतिक पद और ठेका आदि दिलाने के नाम पर ठगी करता है।

पुलिस को यह भी पता चला कि गुप्ता समाज कल्याण कार्यालय के पास अपने साथी अरविन्द त्रिपाठी के साथ किसी व्यक्ति से मिलने के लिए आने वाला है। इस सूचना पर एसटीएफ टीम द्वारा उक्त स्थान पर पहुंचकर आवश्यक बल प्रयोग करते हुए उपरोक्त दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। एसटीएफ टीम ने दोनों के कब्जे से पांच मोबाइल फोन,10460 रुपये नकद , कई फर्जी पहचानपत्र जो मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल अधिकारी, दिल्ली स्थित सुकरात विश्वविद्यालय के कुलपति और उच्च न्यायालय दिल्ली विधिज्ञ संघ के सदस्य से संबंधित हैं। इसके अलावा दो ‘लेटर पैड’ (विशेष सचिव (निवेश), उप्र सरकार एवं दिल्ली स्थित सुकरात विश्वविद्यालय के कुलपति से संबंधित) समेत अन्य दस्‍तावेज बरामद किये गये, जिनके जरिये ये आरोपी जालसाजी करते थे।

गिरफ्तार अभियुक्त रामशंकर ने पूछताछ में बताया कि वह किसी भी सरकारी विभाग में कार्यरत नहीं है और ना ही वह कुलपति है। उसने अपने नाम के दो अलग-अलग आधार कार्ड बनवा रखे हैं। उसका वास्तविक नाम रामशंकर गुप्ता है, फर्जीवाड़ा करने के लिये उसने अपना नाम आशीष गुप्ता रख लिया है। आम जनता से अपना नाम डॉ. आशीष गुप्ता बताता एवं अपना परिचय बतौर आई0ए0एस0/पी0सी0एस0 अधिकारी, विषेष सचिव (निवेश), उ0प्र0 शासन, मुख्यमंत्री का सुऱक्षा अधिकारी और दिल्ली स्थित सुकरात विश्वविद्यालय के कुलपति आदि के रूप में देता। उसने स्‍वीकार किया कि वह अपने सहयोगी के साथ राजनीतिक पद दिलाने से लेकर विभिन्न विभागों में ठेका दिलाने आदि के नाम पर अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है।

- विज्ञापन -

Latest News