लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश के कुछ कारोबारियों के प्रतिष्ठानों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सर्वेक्षण अथवा छापे की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाया है। मायावती ने बुधवार को ट्वीट किया ‘‘सरकार की गलत नीतियों व कार्यशैली आदि का ही परिणाम है कि पहले से ही नए जीएसटी राज के जंजाल से पीड़ित व्यापारी वर्ग अब यूपी में भी जीएसटी सर्वे/छापेमारी से तंग व दु:खी होकर बाजार बंद एवं आन्दोलन करने को मजबूर हो रहे हैं, जिसका निवारण जरुरी।’’
1. सरकार की गलत नीतियों व कार्यशैली आदि का ही परिणाम है कि पहले से ही नए जीएसटी राज के जंजाल से पीड़ित व्यापारी वर्ग अब यूपी में भी जीएसटी सर्वे/छापेमारी से तंग व दुःखी होकर बाजार बंद एवं आन्दोलन करने को मजबूर हो रहे हैं, जिसका निवारण जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) December 14, 2022
उन्होंने कहा कि ‘गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई के इस कठिन दौर में लोगों की क्रय शक्ति काफी घट गई है, फिर भी गरीब व मजदूर वर्ग दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर भी जीएसटी की महंगी दर चुकाने को मजबूर है, किन्तु सरकार निश्चिन्त है कि उसका जीएसटी कलेक्शन बढ़ रहा है, क्या ऐसी सोच उचित, जनहितैषी।’’
2. साथ ही, गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई के इस कठिन दौर में लोगों की क्रय शक्ति काफी घट गई है, फिर भी गरीब व मजदूर वर्ग दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर भी जीएसटी की महंगी दर चुकानेे को मजबूर है, किन्तु सरकार निश्चिन्त है कि उसका जीएसटी कलेक्शन बढ़ रहा है, क्या ऐसी सोच उचित, जनहितैषी?
— Mayawati (@Mayawati) December 14, 2022
गौरतलब है कि प्रदेश के कुछ व्यापारियों के प्रतिष्ठानो पर जीएसटी की छापेमारी कर विरोध कुछ व्यापारी संगठन कर रहे हैं जिसका समर्थन सपा और रालोद पहले ही कर चुकी हैं।