बलिया में दलित युवक की हत्या के मामले में एसएचओ निलंबित

उप्रः उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के गड़वार थाना क्षेत्र में अगड़ी जाति के कथित हमलावरों द्वारा चाकू गोद कर अनुसूचित जाति (दलित) के एक युवक की हत्या करने और उसके चचेरे भाई को गंभीर रूप से घायल करने के मामले मेंं थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी).

उप्रः उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के गड़वार थाना क्षेत्र में अगड़ी जाति के कथित हमलावरों द्वारा चाकू गोद कर अनुसूचित जाति (दलित) के एक युवक की हत्या करने और उसके चचेरे भाई को गंभीर रूप से घायल करने के मामले मेंं थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस आनंद ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि गड़वार थाना क्षेत्र के चिलकहर गांव में 34 वर्षीय एक दलित युवक की हत्या के मामले में थाना प्रभारी राज कुमार सिंह को निलम्बित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि घटना के बाद विवाद की जानकारी थाना प्रभारी राज कुमार सिंह को दी गई थी, परंतु उनके द्वारा लापरवाही बरती गयी।

उन्होंने बताया कि एसएचओ सिंह को दोषी पाए जाने के बाद उनके विरुद्ध कार्रवाई की गई तथा संजय शुक्ला को नया थाना प्रभारी बनाया गया है। पुलिस के अनुसार गड़वार थाना क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर में आरोपियों ने चिलकहर गांव के दलित युवक संदीप राम उर्फ लड्डू (34) की चाकू से वार कर हत्या कर दी और उसके चचेरे भाई विकास पर भी जानलेवा हमला किया। उन्होंने बताया कि इस घटना में विकास गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे पहले जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे वाराणसी भेज दिया गया है। घटना के बाद उग्र ग्रामीणों ने बलिया-लखनऊ राजमार्ग पर चक्का जाम कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस तथा प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उग्र ग्रामीणों ने थाना प्रभारी राज कुमार सिंह पर अनेक आरोप लगाए थे।

ग्रामीणों ने शिकायत की कि थाना प्रभारी से विवाद के सम्बंध में कई बार शिकायत की गई, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई न कर लीपापोती किया। पुलिस अधीक्षक ने शुक्रवार को बताया था कि इस मामले में आठ लोगों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (उपद्रव का आरोप), 148 (घातक शस्त्रों के साथ उपद्रव), 149 (पांच या पांच से अधिक लोगों के समूह द्वारा विधि विरुद्ध कृत्य), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) एवं अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया और बाद में उन्हें विधिक प्रक्रिया के तहत जेल भेज दिया गया।

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