मछली पालन मंत्री Laljit Bhullar ने किसानों से की 40-60% सब्सिडी का अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों के लिए लाभदायक पेशे झींगा पालन को राज्य में अधिक प्रफुल्लित करने के उद्देश्य से अगले पांच सालों के दौरान 5,000 एकड़ रकबे में झींगा पालन अपनाने की रणनीति बनाई है। मंत्री लालजीत भुल्लर ने बताया कि झींगा पालन का पेशा अपनाकर किसान एक एकड़.

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों के लिए लाभदायक पेशे झींगा पालन को राज्य में अधिक प्रफुल्लित करने के उद्देश्य से अगले पांच सालों के दौरान 5,000 एकड़ रकबे में झींगा पालन अपनाने की रणनीति बनाई है। मंत्री लालजीत भुल्लर ने बताया कि झींगा पालन का पेशा अपनाकर किसान एक एकड़ क्षेत्रफल में से तीन लाख रुपए की आय प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब के सेम और खारे पानी से प्रभावित और ज़ीरो आय वाली ज़मीनों में झींगा पालन करवाया जा रहा है, जो किसानों की आय बढ़ाने में सफ़ल सिद्ध हुआ है।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि मछली पालन विभाग के अधिकारियों की मेहनत स्वरूप पिछले वर्ष 1200 एकड़ रकबा झींगा पालन के अधीन लाया गया। किसानों की आय बढ़ाने के लिए तत्पर पंजाब सरकार ने झींगा पालन को अगले पांच सालों के दौरान 5,000 एकड़ रकबे में प्रफुलित करने की योजना बनाई है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि झींगा पालन के विकास के लिए सरकार द्वारा गाँव ईना खेड़ा, ज़िला श्री मुक्तसर साहिब में एक डैमोस्ट्रेशन फार्म-कम-ट्रेनिंग सैंटर चलाया जा रहा है, जहाँ झींगा पालक किसानों को मुफ़्त ट्रेनिंग और मिट्टी-पानी की जांच सुविधा प्रदान की जा रही है।

मंत्री भुल्लर ने बताया कि मान सरकार द्वारा राज्य में मछली पालन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास और मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए ख़ास ज़ोर दिया जा रहा है। बढ़िया किस्म का मछली पूंग रियायती दरों पर किसानों को सरकारी मछली पुंग फार्मों से सप्लाई किया जा रहा है। गाँव किल्लियांवाली, ज़िला फ़ाज़िल्का में एक नया सरकारी मछली पूंग फार्म निर्माणाधीन है, जिसका काम जल्दी मुकम्मल करके लोगों को समर्पित कर दिया जाएगा।

इसके इलावा मछली पालन विभाग द्वारा मछली और झींगा पालन के पेशो की शुरुआत करने, मछली की ढुलाई के लिए परिवहन वाहनों जैसे साइकिल, मोटर-साइकिल, आटो-रिक्शा, इनसुलेटिड और रैफ़रीजरेटिड गाड़ियों की ख़रीद हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। मछली पालन की उन्नत तकनीकों जैसे री-सर्कूलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आर.ए.एस.) और बायोफ़्लोक तकनीक को भी इस स्कीम के अधीन प्रफुल्लित किया जा रहा है।

लालजीत सिंह भुल्लर ने राज्य के किसानों से अपील की कि वह मछली पालन को कृषि के सहायक पेशे के तौर पर अपनाकर अपनी आय के संसाधन बढ़ाएं। सरकार मछली और झींगा पालन का पेशा अपनाने के लिए 40 से 60 प्रतिशत तक सब्सिडी मुहैया करवा रही है, जिसका किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि जनरल वर्ग के लिए सब्सिडी 40 प्रतिशत और एस.सी/एस.टी/महिलाओं और उनके स्वयं- सहायता संगठनों के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि किसान सरकार की इन स्कीमों का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए अपने-अपने ज़िलों के सम्बन्धित दफ़्तरों में तुरंत आवेदन दे सकते हैं।

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