Himachal : बच्चों में बढ़ा सडन हार्ट अटैक का खतरा, हर साल 3000 से अधिक लोगों को पड़ रहा दिल का दौरा

शिमला : पूरे विश्व भारत हार्ट अटैक के मामलों में पहले नंबर पर है। यही नहीं भारत में स्कूली बच्चों में भी सडन हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं, जो काफी चिंता का विषय है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर तीन लोगों में से एक शख्स की मौत दिल की बीमारी से.

शिमला : पूरे विश्व भारत हार्ट अटैक के मामलों में पहले नंबर पर है। यही नहीं भारत में स्कूली बच्चों में भी सडन हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं, जो काफी चिंता का विषय है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर तीन लोगों में से एक शख्स की मौत दिल की बीमारी से हो रही है। कहते हैं कि साफ हवा और वातावरण कई बीमारियों की दवा होती है। पहाड़ी राज्य हिमाचल में साफ हवा और वातावरण भी है, लेकिन फिर भी यहां के लोग दिल की बीमारी का शिकार हो रहे हैं। यही नहीं हिमाचल में ठंड बढ़ने की वजह से भी सडन हार्ट अटैक के मामले एका एक बढ़े हैं। एक अध्ययन के मुताबिक हिमाचल में हर साल साढ़े तीन हजार लोगों को दिल का दौरा पड़ता है।

हार्ट अटैक होने से पहले के लक्षण

अगर आपके सीने में असहज दबाव, दर्द, सुन्नता, निचोड़न, परिपूर्णता या दर्द जैसा महसूस हो रहा है, तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। अगर यह बेचैनी आपकी बाहों, गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैल रही है, तो आप सचेत हो जाएं और जितनी जल्दी हो सके अस्पताल पहुंचें। बगैर किसी मेहनत या काम के अगर थकान हो रही है, तो यह हार्ट अटैक अलार्म हो सकता है। अगर आपको दिन में कई बार चक्कर आ रहा है, उल्टी जैसा महसूस हो रहा है और आप असहज महसूस कर रहे हैं, तो यह भी हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है। अगर आपको सांस लेने में किसी प्रकार का अंतर लग रहा है या सांस फूल रही है, तो यह भी दिल के दौरे का लक्षण हो सकता है।

बच्चों में बढ़े सडन हार्ट अटैक के मामले

डॉ. जितेंद्र मोकटा ने कहा कि अब स्कूली बच्चों में भी सडन हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं, जोकि काफी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण बच्चों का खान-पान और लाइफ स्टाइल में बदलाव है। उन्होंने कहा कि पहले लोग फील्ड में बहुत काम किया करते थे, लेकिन अब लोग न तो काम करते हैं और न ही व्यायाम करते हैं। जिससे हमारी जीवन शैली काफी प्रभावित हो रही है। युवाओं में नशे की लत भी एक सडन हार्ट अटैक का मुख्य कारण माना जा रहा है।

सडन हार्ट अटैक के कई मुख्य कारण

आईजीएमसी के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र मोकटा कहते हैं कि सडन हार्ट अटैक के कई मुख्य कारण हैं। बीपी, शुगर, स्मोकिंग और लाइफ स्टाइल में बदलाव। उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक यानि दिल का दौरा पड़ने से पहले शरीर आपको कई संकेत देता है, जिन्हें नजरंदाज करना अचानक कार्डियक अरेस्ट को सीधा न्यौता है। उन्होंने शरीर को असहज करने वाले लक्षणों पर नजर रखने की नसीहत दी है।

आरामपरस्ती की आदत छोड़नी होगी

डॉ. जितेंद्र मोकटा का कहना है कि लोगों को आरामपरस्ती की आदत छोड़नी होगी। खान-पान पर ध्यान देना होगा। सुबह व शाम की सैर तो सबसे जरूरी है। इसके अलावा शारीरिक श्रम करने से मोटापे से बच सकते हैं और यदि मोटापे को पास न फटकने दिया तो मधुमेह की आशंका भी नहीं रहेगी। शराब, सिगरेट समेत हर तरह के नशे से दूर रहना होगा, ऐसा करने से कई बीमारियां आपके आस-पास भी नहीं फटकेंगी।

दिल की बीमारियों को कम करने के लिए रोजाना कसरत जरूरी

उन्होंने कहा कि दिल की बीमारियों को कम करने के लिए सबसे बड़ा जरिया रोजाना की कसरत है। कम से कम पैंतालीस मिनट की कसरत रोज करने की आवश्यकता है। इसके अलावा भोजन में हरी सब्जियों को शामिल करना होगा। तंबाकू, धूम्रपान, शराब का सेवन हर हाल में छोड़ना होगा। डा. मोकटा का कहना है कि हार्ट अटैक से बचने के लिए जागरुकता की जरूरत है। चालीस साल से कम आयु के लोग सेहत के प्रति लापरवाह रहते हैं।

जवान दिल भी हो रहे बीमार

एक अध्ययन में सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि जवान दिल भी बीमार हो रहे हैं। हिमाचल में हर साल 40 साल से कम उम्र के 200 लोगों को हर साल दिल का दौरा पड़ रहा है। देशभर में भी कुछ यही हाल है, आम हो या खास 40 साल से कम उम्र के लोगों का दिल बीमार हो रहा है। बीते वक्त में कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव से लेकर साउथ के सुपर स्टार पुनीत राजकुमार और सोनाली फोगाट से लेकर सिद्धार्थ शुक्ला तक की मौत की वजह दिल का दौरा ही था। ऐसे कई सेलिब्रिटी हैं जिनकी 40 की उम्र में हार्ट अटैक के मौत हुई है।

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