दुर्लभ बीमारी से पीड़ित बच्चे की मदद के लिए पिता ने प्रधानमंत्री से लगाई गुहार

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रहने वाले मोहम्मद किदवई लखनऊ में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में काम करते हैं और उनका कहना है कि वह अपने बेटे का इलाज कराने में असमर्थ हैं।

नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मोहम्मद फजल यासीन किदवई ने दुर्लभ बीमारी से पीड़ित पांच साल के बेटे का इलाज कराने में आर्थिक सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गुहार लगाई है।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रहने वाले मोहम्मद किदवई लखनऊ में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में काम करते हैं और उनका कहना है कि वह अपने बेटे का इलाज कराने में असमर्थ हैं।

मोहम्मद किदवई ने एक पत्र में कहा कि उनके बेटे यूनुस फजल यासीन किदवई के अगस्त 2023 में ड्यूचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) नामक एक दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी से पीड़ित होने का पता चला था। इस बीमारी के उपचार के लिए लगभग 27 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

मोहम्मद किदवई ने अपने पत्र में कहा, ‘‘यह उपचार पहले सिर्फ अमेरिका में ही संभव था। लेकिन, आशा की किरण तब जगी जब मैंने नयी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से संपर्क किया और इलाज का तरीका बताने का अनुरोध किया। एम्स की ओर से कहा गया है कि वे मास्टर यूनुस का इलाज करने के इच्छुक हैं, बशर्ते आर्थिक सहायता स्वीकृत हो। इसलिए मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से विनम्र निवेदन किया है कि वह आर्थिक सहायता देकर मेरे बेटे की जान बचाएं।’’ एम्स में न्यूरोमस्कुलर क्लिनिक एवं चाइल्ड न्यूरोलॉजी डिवीजन, बाल रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ शेफाली गुलाटी ने कहा, ‘‘हालांकि, जून 2023 में एफडीए (अमेरिका) द्वारा प्रयोगशाला परिणामों के आधार पर त्वरित अनुमोदन के तहत दवा को मंजूरी दे दी गई है, लेकिन दवा की दीर्घकालिक सुरक्षा और प्रभावकारिता साबित नहीं हुई है। अध्ययन जारी है और नतीजों का इंतजार है। ’’ चिकित्सकों के मुताबिक डीएमडी में मांसपेशियां नाजुक होती जाती हैं और जीवन के लिए खतरा पैदा कर देती हैं।

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