Jindal Stainless ने बीते वित्त वर्ष में कार्बन उत्सर्जन में 1.4 लाख टन की कटौती की: Abhyudaya Jindal

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी स्टेनलेस स्टील विनिर्माता जिंदल स्टेनलेस (जेएसएल) ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान कई कदम उठाए और वह 1.4 लाख टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सफल रही। कंपनी का लक्ष्य 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का है। कंपनी के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने सोमवार को बयान में.

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी स्टेनलेस स्टील विनिर्माता जिंदल स्टेनलेस (जेएसएल) ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान कई कदम उठाए और वह 1.4 लाख टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सफल रही। कंपनी का लक्ष्य 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का है। कंपनी के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने सोमवार को बयान में कहा इस लक्ष्य को पाने के लिए जेएसएल ने मुख्य स्थिरता अधिकारी (सीएसओ) के पद का सृजन किया है और इस पद पर कल्याण कुमार भट्टाचार्य को नियुक्त किया है।

जिंदल स्टेनलेस की ओर से जारी बयान में जिंदल के हवाले से कहा गया, ‘‘वित्त वर्ष 2021-22 में हमने कई पहल के जरिये 1.4 लाख टन कार्बन की कटौती की है। नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश, हरित हाइड्रोजन उत्पादन से लेकर विनिर्माण संयंत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण शुरू करने तक हम लगातार ऐसे परिवेश का निर्माण कर रहे हैं जो हमारे पर्यावरणीय, सामाजिक एवं शासन संबंधी लक्ष्यों को समर्थन देता है।’’ जेएसएल ने कहा कि भट्टाचार्य कंपनी की क्षमता विस्तार की मौजूदा और भावी योजनाओं की खातिर कार्बन उत्सर्जन कम करने के साथ सतत पहल की अगुवाई करेंगे और 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ेंगे।

भट्टाचार्य ने कहा कि जेएसएल भारत की पहली स्टेनलेस स्टील कंपनी है जिसने स्टेनलेस स्टील के विनिर्माण के लिए हरित हाइड्रोजन संयंत्र लगाया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कम कार्बन उत्सर्जन वाली प्रौद्योगिकियों, पुनर्चक्रण प्रक्रिया, डिजिटलीकरण और ऊर्जा की कम खपत करने वाली परियोजनाओं की प्रक्रियाओं को अद्यतन करने में लगातार निवेश कर रहे हैं।’’ कार्बन उत्सर्जन को कम करने की योजना के तहत जेएसएल ने रिनन्यू पावर के साथ हाल में एक करार किया है। इसके तहत सौर और पवन ऊर्जा वाली प्रौद्योगिकियों के जरिये सालाना 70 करोड़ यूनिट स्वच्छ ऊर्जा पैदा होगी।

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