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अगर आपके बच्चे भी हाे गए हैं जिद्दी, तो अपनाएं ये टिप्स

मां-बाप काे बच्चे बहुत प्यारे हाेते हैं, अगर वह गलती भी करें, ताे भी वह उनके लिए गलती नहीं मानते, लेकिन कई बार आप ने देखा हाेगा कि मां-बाप का ज्यादा प्यार उनकाे जिद्दी बना देता हैं, जिस कारण उनकाे बाद में इसका खामियाजा उठाना पड़ता है। अगर बच्चा हद से ज्यादा जिद्द करने लगता.

मां-बाप काे बच्चे बहुत प्यारे हाेते हैं, अगर वह गलती भी करें, ताे भी वह उनके लिए गलती नहीं मानते, लेकिन कई बार आप ने देखा हाेगा कि मां-बाप का ज्यादा प्यार उनकाे जिद्दी बना देता हैं, जिस कारण उनकाे बाद में इसका खामियाजा उठाना पड़ता है। अगर बच्चा हद से ज्यादा जिद्द करने लगता हैं, तो मां-बाप काे सतर्क हो जाना चाहिए। कभी भी अभिभावकों काे बच्चाें की हर जिद्द पूरी नहीं करनी चाहिए, आज हम आपकाे कुछ ऐसी ही टिप्स बताने वाले हैं, जिससे आप अपने बच्चाें काे सुधार सकते हैं-

– कभी भी बच्चाें के साथ बहस न करें। जब बच्चा आपके सामने बहस कर रहा हाे ताे उसकी बात काे ध्यान के साथ सुनें और फिर उसका जबाव दें। जिद्दी बच्चों की इच्छाशक्ति बहुत मजबूत होती है।

– बच्चे पर कभी भी चिल्लाएं या डांटे नहीं, बल्कि उस टाइम पर चुप्प हाे जाएं, जाे उनके लिए सजा का काम करेंगी।

– बच्चाें को कभी ऑर्डर न दें, क्योंकि कम उम्र का बच्चा कुछ करने के लिए कहे जाने पर कई सारे सवाल करता है। बच्चे अक्सर वहीं काम करते हैं, जाे उन्हें करने के लिए मना किया जाता है। इसलिए बच्चों को विकल्प दें।

– उनके बेहतर व्यवहार के लिए कुछ नियम कायदे तय करने चाहिए। आपको कुछ नियम बनाने की जरूरत है। उन्हें समझाएं कि नियम तोड़ने पर उनका ही नुकसान होगा। नियम तय होने पर बच्चा अनुशासन में रहेगा और जिद्द करना कुछ हद तक कम कर देगा।

– जिद्दी बच्चों की इच्छाशक्ति बहुत मजबूत होती है। उनकी बात न माने जाने पर वह बहस करने लगते हैं। अभिभावक अगर उनकी जिद और बहस का जवाब उसी तरह से देंगे तो बच्चा ज्यादा जिद्द करेगा। उसकी जिद पूरी न होने पर वह आपकी हर बात को दरकिनार करने लगेगा। इसलिए जिद्दी बच्चे के सामने खुद जिद न करें, बल्कि उनकी बात धैर्य से सुनें। बीच में उन्हें टोंके नहीं। आपका धैर्य उनके गुस्से और जिद को कुछ नरम कर सकता है।

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