डिप्टी सिविल सर्जन की मध्यस्थता से चिकित्सकों व एमपीएचडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मियों का विवाद खत्म

खरखौदा: स्थानीय सरकारी अस्पताल में नसबंदी शिविर के दौरान चिकित्सक द्वारा नसंबदी के केस के टैस्ट नहीं लिखने व कर्मचारी एमपीएचडब्यलू को छोटा कर्मचारी कहने और सुरक्षा गार्ड को बुलाकर कमरे से बाहर निकालने की बात कहने पर नाराज चल रहे एमपीएचडब्यलू एसोसिएशन ने सोमवार को अस्पताल परिसर में अपना धरना शुरू कर दिया। उन्होंने.

खरखौदा: स्थानीय सरकारी अस्पताल में नसबंदी शिविर के दौरान चिकित्सक द्वारा नसंबदी के केस के टैस्ट नहीं लिखने व कर्मचारी एमपीएचडब्यलू को छोटा कर्मचारी कहने और सुरक्षा गार्ड को बुलाकर कमरे से बाहर निकालने की बात कहने पर नाराज चल रहे एमपीएचडब्यलू एसोसिएशन ने सोमवार को अस्पताल परिसर में अपना धरना शुरू कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया एमपीएचडब्लयू को छोटा कर्मचारी कहने व दुर्व्यवहार पर चिकित्सकों को माफी मांगनी होगी। वहीं जिन्होंने दुर्व्यवहार किया है उन चिकित्सकों का यहां से तबादला कर किया जाना चाहिए।

एमपीएचडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मियों ने धरना देते हुए चिकित्सकों के खिलाफ नारेबाजी की। इस बीच मामले की जांच के लिए सोनीपत से डिप्टी सिविल सर्जन डा. स्वराज चौधरी भी पहुंची। जिसके बाद चिकित्सक धरने पर पहुंचे और उस दौरान गलत-फहमी के कारण ऐसा हुआ था। भविष्य में ऐसा नहीं होगा कहने पर विवाद सुलझ गया। जिसके बाद एमपीएचडब्ल्यू अपने काम पर लौट गए।

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