संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना से अब तक बहुपक्षीय निरस्त्रीकरण और हथियारों पर प्रतिबंध विश्व शांति और सुरक्षा बनाए रखने में यूएन का मुख्य काम रहा है। नरसंहारक हथियार, विशेषकर नाभिकीय हथियार विनाशकारी शक्ति है, जो मानव जाति के लिए बड़ा खतरा है। पारंपरिक हथियारों का अत्यधिक भंडार और छोटे व हल्के हथियारों का अवैध व्यापार विश्व शांति, सुरक्षा और अनवरत विकास को खतरे में डालते हैं। आबादी वाले क्षेत्रों में विस्फोटक हथियार का उपयोग नागरिकों की सुरक्षा को बड़ा नुकसान पहुंचाता है। नए हथियार और प्रौद्योगिकी वैश्विक सुरक्षा के लिए चुनौतियां खड़ी करती हैं, जिस पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा गया।
शांति और सुरक्षा मजबूत करने, सशस्त्र मुठभेड़ रोकने व समाप्त करने और हथियार से पैदा मानव पीड़ा दूर करने में निरस्त्रीकरण की भूमिका समझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 5 मार्च को निरस्त्रीकरण और अप्रसार जागरूकता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस निर्धारित किया। यूएन का उद्देश्य निरस्त्रीकरण पर सभी लोगों, विशेषकर युवाओं की समझ बढ़ाना है। यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा था कि निरस्त्रीकरण को शांति और सुरक्षा के लिए हमारे साझा प्रयास के केंद्र में वापस लाया जाना चाहिए।
निरस्त्रीकरण एजेंडा में गुटेरेस ने कहा कि युवा लोग दुनिया को बदलने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। वे अपने प्रयास से निरस्त्रीकरण कार्य का समर्थन करते हैं। बहुत सारे युवा कार्यकर्ताओं ने सुरंग, बारूद और नाभिकीय हथियार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अभियान को बढ़ावा दिया। वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने युवा, निरस्त्रीकरण, अप्रसार और हथियार प्रतिबंध शीर्षक वाले नए प्रस्ताव को पारित किया। इसमें शांति और सुरक्षा बनाए रखने में युवाओं की अहम और सक्रिय भूमिका दोहराई गई।
चीन हमेशा बहुपक्षवाद पर कायम रहता है, आम सुरक्षा चाहता है और विश्व रणनीतिक स्थिरता की रक्षा करता है। चीन वैश्विक डेटा सुरक्षा पहल के आधार पर विभिन्न पक्षों के साथ वैश्विक डिजिटल शासन नियम बनाना चाहता है। कोविड-19 महामारी से वैश्विक जैव सुरक्षा शासन में मौजूद नई चुनौती सामने आई है। सभी देशों को घनिष्ठ सहयोग कर एक साथ सुरक्षा संकट को दूर करना चाहिए।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)