पलवल: हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पलवल एवं फरीदाबाद टीम इंचार्ज सतपाल सिंह, सब इंस्पेक्टर कीमतीलाल व टीम उनकी टीम ने सीनियर ड्रग्स कंट्रोल अधिकारी करण गोदारा और जिला ड्रग्स ऑफिसर संदीप गहलान की संयुक्त टीम ने गुप्त सूचना पर ख्याली एंक्लेव में धीरज गुप्ता के मकान में चल कफ सीरप के कारखाने पर संयुक्त रूप से रेड डालकर बड़ी कार्रवाई की है। यह मकान ₹10000 महीने पर किराए पर लिया हुआ बताया गया लेकिन मौके पर किसी तरह का कोई डॉक्यूमेंट प्राप्त नहीं हुआ। हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पलवल एवं फरीदाबाद के इंचार्ज इंस्पेक्टर सतपाल सिंह ने बताया कि अभी काउंटिंग की प्रक्रिया चल रही है अभी मुकदमा दर्ज करने के बाद दोनों आरोपितों को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।
लोगों को भ्रमित करने के लिए मकान में नीचे ढक्कन बनाने की फैक्ट्री चलाई जा रही थी और ऊपर की मंजिल पर यह नकली दवाई बनाने का गोरखधंधा चल रहा था।।विंग्स कंपनी की नकली खांसी के दवाई बनाई जा रही ओनरेक्स की 3087 भरी हुई बोतलें, 6000 खाली बोतल, विंग्स कम्पनी के लगभग 2000 ढक्कन, ओनरेक्स के नाम से सात-आठ सौ नकली लेबल, तथा पूरी दवाई तैयार करने का कच्चा मैटेरियल इस फेक्ट्री से बरामद किया है। मौके से बरामद अन्य सामान में पैकिंग करने वाली दो मशीनें, ढक्कन लगाने वाली दो मशीनें तथा लेबल लगाने वाली मशीन तथा पैकिंग करने का सामान बरामद किया है।
सीनियर डीसीओ डॉक्टर करण गोदारा एवं पलवल ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर संदीप गहलान ने बताया कि यहां पाई गई प्रतिबंधित कोडीन फास्फेट से कफ सिरप बनाए जा रहा था जो नशे के काम आता है। बनाके जा रहे कफ़ सिरप के लेवल पर कोडीन फास्फोरस मिलाया गया है। लैब टेस्टिंग के बाद पता चल पाएगा की कितनी मात्रा में कोडीन फास्फोरस मिलाया जा रहा था। डोज से ज्यादा मात्रा में लिए जाने पर यह काफी नुकसानदायक हो सकता है। यह किडनी और लीवर पर बुरा इफैक्ट डालता है। कोडीन फास्फोरस से किडनी और लीवर को सबसे अधिक प्रभावित होती है। कारखाने में ना तो कोई दवाई बनाने की परमिशन थी ना उनके पास लाइसेंस था और ना ही प्रशिक्षित कम्पिटेंट आदमी बनाने वाला पाया गया। इनके पास से विंग्स कंपनी की दवाई बनाने की कोई अथॉरिटी भी नहीं पाई गई। जो 2 लोग मिले उन्होंने अपने आप को पाटनर बताएं इसके अलावा वहां पर कोई कर्मचारी मौके पर रेडिंग टीम को नहीं मिला।