पटियाला: नाभा जेल ब्रेक मामला जो पटियाला के अतिरिक्त सैशन जज एचएस ग्रेवाल की अदालत में चल रहा था, आज उन्होंने इस मामले पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 22 व्यक्तियों को दोषी करार दे दिया है और 6 व्यक्तियों को बरी कर दिया है। अदालत ने इस मामले में जिन व्यक्तियों को दोषी करार दिया है, उनमें गुरप्रीत सिंह मांगेवाल, मनवीर सिंह, गुरजीत लाडा, भीम सिंह असिस्टैंट जेल सुपरिंटैंडैंट जसमीत सिंह, मनजिंदर सिंह, सुलखण सिंह, गुरप्रीत सिंह, पलविंदर सिंह पिंदा, बिक्कर सिंह, हरजोत सिंह, रविंदर सिंह उर्फ ज्ञाना, गुरप्रीत सिंह सेखों, किरनपाल सिंह, सुखचैन सिंह, राजविंदर सिंह उर्फ राजू, कुलविंदर सिंह, सुनील कालड़ा, अमनदीप सिंह, अमन कुमार और दो अन्य शामिल हैं।
इसके अलावा उक्त मामले में से नरेश नारंग, जतिंदर सिंह, मोहम्मद आसिम, तेजिंदर शर्मा, रविंदर सिंह विक्की सहोता, रणजीत सिंह को बचाव पक्ष के सीनियर वकीलों सुमेश जैन, नवीन त्रेहण, हरीश आहुजा, जतिंदर आहुजा, वैभव जैन, राघव शर्मा और एडवोकेट टंडन की दलीलों को मानते हुए बरी कर दिया है। उल्लेखनीय है कि साल 2016 में नाभा की मैक्सीमम सिक्योरिटी जेल के गेटों पर कुछ व्यक्ति जो लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर आए थे और उन्होंने आते ही अंधाधुंध गोलियां चलाई थी और इस हमले के दौरान जेल में बंद कैदियों को छुड़वा फरार हो गए थे। बाद में पुलिस ने अदालत में एक चार्जशीट दायर की थी और ये मामला अदालत में करीब साढ़े 7 साल चला। पुलिस ने थाना कोतवाली नाभा में नवंबर 2016 में विभिन्न धाराओं तहत मामला दर्ज किया था।