नयी दिल्ली: रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा है कि नौसेना समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रखते हुए देश में विकास और समृद्धि सुनिश्चित कर रही है। भट्ट ने सोमवार को यहां नौसेना कमांडरों के सम्मेलन के दूसरे चरण के पहले दिन शीर्ष कमांडरों को संबोधित करते हुए समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए तत्पर रहने पर नौसेना की सराहना की। उन्होंने कहा कि समुद्री सीमाओं की सुरक्षा से राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के साथ-साथ देश का विकास और समृद्धि सुनिश्चित हो रही है। देश को वर्ष 2047 तक आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशीकरण तथा नवाचार की दिशा में नौसेना द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी उन्होंने सराहना की।
रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि स्वदेशी युद्धपोत विंध्यागिरी और महेन्द्रगिरी का हाल ही में किया गया जलावतरण इसका उदाहरण है। उन्होंने नौसेना के लिए समुद्री ढांचागत योजना 2023-37 , आई आरएस नियम एवं विनियमन हैंडबुक तथा बीमा, निवेश एवं रिण सुविधाओं से संबंधित फैमिली लॉगबुक भी जारी की। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने सम्मेलन में प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि समुद्री सीमाओं के प्रहरी के रूप में नौसेना को प्रत्येक मिशन और कार्य को पूरा करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नौसेना को हिन्द महासागर और उससे भी आगे सरकार के सागर विजन के अनुरूप चुनौतियों को पूरा करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। नौसेना प्रमुख ने कहा कि नौसेना भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष और दोनों सेनाओं के साथ मिलकर मिलकर एकीकरण की दिशा में मिलकर कार्य कर रही है। नौसेना कमांडरों के सम्मेलन का पहला चरण गत मार्च में स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर हुआ था।