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नींद में अगर आए पसीना तो हो सकती है ये एक बड़ी खतरे की घंटी, इन लक्षणों पर दें ध्यान

सुबह जल्दी उठने से ताजी हवा मिलती है। यह दिमाग को रिलैक्स करने के साथ एनर्जैटिक बनाने में मदद करती है। सुबह का वक्त मैडिटेशन और एक्सरसाइज के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है इसलिए बचपन से ही सुबह जल्दी उठने की आदत डालनी चाहिए। सुबह के वक्त हार्ट अटैक का खतरा भी ज्यादा होता.

सुबह जल्दी उठने से ताजी हवा मिलती है। यह दिमाग को रिलैक्स करने के साथ एनर्जैटिक बनाने में मदद करती है। सुबह का वक्त मैडिटेशन और एक्सरसाइज के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है इसलिए बचपन से ही सुबह जल्दी उठने की आदत डालनी चाहिए। सुबह के वक्त हार्ट अटैक का खतरा भी ज्यादा होता है। नींद से उठने के कुछ देर बाद हार्ट अटैक के सबसे ज्यादा लक्षण देखने को मिलते हैं। नैशनल लाइब्रेरी आॅफ मैडीसिन की शोध में देखा गया है कि सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर तक दिल के दौरे का खतरा 40 प्रतिशत ज्यादा होता है क्योंकि नींद में आपका खून काफी गाढ़ा होता है। उठने के बाद दिखने वाले हार्ट अटैक के 5 शुरु आती लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

पसीने में उठना: अगर सुबह उठने पर शरीर पसीने से तरबतर है तो समझएि कि दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है। खून के थक्के से नस बंद हो जाने पर ब्लड पंप करने के लिए दिल ज्यादा प्रैशर से काम करता है, जिसकी वजह से सोते हुए पसीना आ सकता है।

लेफ्ट साइड में दर्द :बाएं जबड़े से लेकर बाएं हाथ में दर्द फैलना हार्ट अटैक के मुख्य लक्षणों में से एक है इसलिए अगर सुबह उठते ही आपके लेμट साइड में दर्द उठ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

दम घुटने से नींद टूटना: हार्ट अटैक से सांस फूलने लगता है और दम घुटने जैसा महसूस हो सकता है। इसकी वजह से अचानक नींद टूट सकती है या फिर सुबह उठने के बाद सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इस लक्षण को बिल्कुल इग्नोर न करें।

सीने में भारीपन: हृदयघात के कारण सीने में दर्द उठता है, जो पीठ तक महसूस हो सकता है। इस दौरान सीने पर भारीपन या जकड़न महसूस हो सकती है। उठने के कुछ देर बाद ही अगर यह संकेत मिलता है तो डॉक्टर से संपर्क करना उचित रहेगा।

उल्टी-जी मिचलाना: मॉर्निंग सिकनैस में ऐसी समस्या होना आम बात है लेकिन इसके पीछे साइलैंट हार्ट अटैक भी हो सकता है। अक्सर देखा गया है कि दिल की नस ब्लॉक होने पर मरीज को उल्टी या जी मिचलाना जैसा महसूस होता है। बंद नसें खोलने का नैचुरल तरीका अनाज, फलियां, सब्जियां, ताजे फल, नट्स और सीड्स का सेवन करें और हाई फैट फूड्स का सेवन कम कर दें। इससे हाई कोलैस्ट्रॉल, हाई ट्राइग्लिसाइड कम हो जाएगा और शरीर नैचुरल तरीके से नसों को खोल सकता है।

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