जिनेवाः विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने मंगलवार को प्रकाशित एक प्रमुख रिपोर्ट में कहा कि पुन: वैश्वीकरण की वकालत करते हुये कहा कि इससे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और व्यापक एकीकरण में बढ़ेगा और सुरक्षा, समावेशिता और पर्यावरणीय स्थिरता को बल मिलेगा।व्यापार विखंडन के शुरुआती संकेतों से विकास के लिए पैदा संकट के बीच ‘विश्व व्यापार रिपोर्ट‘ के 2023 संस्करण में व्यापार संगठन व्यापक, अधिक समावेशी आर्थिक एकीकरण के लाभों के नए साक्ष्य प्रस्तुत करता है।
एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला ने रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा, ‘1945 के बाद की अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था इस विचार पर बनाई गई थी कि बढ़े हुए व्यापार और आर्थिक संबंधों के माध्यम से राष्ट्रों के बीच परस्पर निर्भरता शांति और साझा समृद्धि को बढ़ावा देगी। पिछले 75 वर्षों में से अधिकांश के लिए इस विचार ने नीति निर्माताओं को निर्देशित किया, और विकास, उच्च जीवन स्तर और गरीबी में कमी के एक अभूतपूर्व युग की नींव रखने में मदद की।‘
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से व्यापार प्रणाली को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा, ‘आज यह दृष्टिकोण खतरे में है, साथ ही एक खुली और पूर्वानुमानित वैश्विक अर्थव्यवस्था का भविष्य भी खतरे में है।‘ डब्ल्यूटीओ के मुख्य अर्थशास्त्र राल्फ ओसा ने शिन्हुआ को बताया, ‘वैश्वीकरण वास्तव में एक चौराहे पर है।‘ उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के खिलाफ लहर चल रही है, लेकिन कार्रवाई करने का अभी भी समय है। उन्होंने कहा कि व्यापार नीति में तनाव बढ़ रहा है और भू-राजनीतिक आधार पर विखंडन के शुरुआती संकेत पहले से ही दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कुल मिलाकर व्यापार मजबूत हो रहा है, इसलिए डी-ग्लोबलाइजेशन की बात निश्चित रूप से अतिरंजित है।
रिपोर्ट के अनुसार, भू-राजनीतिक तनाव व्यापार प्रवाह को प्रभावित करने लगा है, जिसमें ऐसे तरीके भी शामिल हैं जो व्यापारिक संबंधों के विखंडन की ओर इशारा करते हैं। डब्ल्यूटीओ सचिवालय द्वारा की गई गणना से पता चलता है कि दो काल्पनिक भू-राजनीतिक गुटों के बीच माल व्यापार प्रवाह इन गुटों के भीतर व्यापार की तुलना में 4-6 प्रतिशत कम रफ्तार से बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन निष्कर्षों के बावजूद, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है, जिसका अर्थ है कि डी-ग्लोबलाइजेशन की बात अभी भी डेटा द्वारा समर्थित नहीं है।
रिपोर्ट से पता चला है कि व्यापार का खुलापन संघर्ष की कम संभावना के साथ दृढ़ता से जुड़ा हुआ है और इससे चार दशकों से अधिक समय से गरीबी में तेज गिरावट आई है। इसके अलावा, व्यापार द्वारा सक्षम तकनीकी सुधारों का कार्बन उत्सजर्न को कम करने पर गहरा प्रभाव पड़ा है। रिपोर्ट ने प्रदर्शित किया कि ‘पुन: वैश्वीकरण‘, जो अधिक लोगों, अर्थव्यवस्थाओं और विश्व व्यापार में महत्वपूर्ण मुद्दों को एकीकृत करने की दिशा में नवीनीकृत अभियान है, विखंडन की तुलना में इन मुद्दों का अधिक आशाजनक समाधान है।