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लोगों का जीवनस्तर बेहतर बनाने के लिए भारत को 8% की वृद्धि चाहिए: समर्स

  नई दिल्ली: भारत को 2050 तक अपने लाखों लोगों के जीवनस्तर में बदलाव लाने के लिए आठ प्रतिशत की वार्षिक दर से वृद्धि करने की जरूरत है और भारत में इसकी क्षमता भी है। अमेरिका के पूर्व वित्त मंत्री और जानेमाने अर्थशास्त्री लैरी समर्स ने शनिवार को यह बयान दिया। भारत की सकल घरेलू.

 

नई दिल्ली: भारत को 2050 तक अपने लाखों लोगों के जीवनस्तर में बदलाव लाने के लिए आठ प्रतिशत की वार्षिक दर से वृद्धि करने की जरूरत है और भारत में इसकी क्षमता भी है। अमेरिका के पूर्व वित्त मंत्री और जानेमाने अर्थशास्त्री लैरी समर्स ने शनिवार को यह बयान दिया। भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 2022-23 में 7.2 प्रतिशत रही थी, जबकि 2021-22 में यह 9.1 प्रतिशत थी।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान के अनुसार, देश की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत रहने की संभावना है। समर्स ने स्पष्ट किया कि वर्तमान नीति के आधार पर उनका पूर्वानुमान आठ प्रतिशत की वृद्धि का नहीं है। लेकिन, उन्होंने कहा कि भारत की क्षमता को देखते हुए इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था में आठ प्रतिशत का विस्तार करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव लाएगा।

मुझे लगता है कि यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है, क्योंकि भारत अगली शताब्दी में अपनी महानता को परिभाषित करेगा। उद्योग मंडल सीआईआई ने वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के साथ मिलकर ‘द वर्ल्ड इज ऑन फायर’ शीर्षक से एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें समर्स ने यह बात कही। उन्होंने जलवायु परिवर्तन और बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) की भूमिका पर भी विस्तार से चर्चा की।

डीईए सचिव अजय सेठ ने कहा कि जी-20 नयी दिल्ली के घोषणापत्र में वैश्विक दक्षिण के बेहतर प्रतिनिधित्व के साथ बेहतर और अधिक प्रभावी एमडीबी पर जोर दिया गया। कार्यक्रम में मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन भी मौजूद थे।

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