चंडीगढ़ : पंजाब ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत मील का पत्थर स्थापित करते हुए राज्य के 25 प्रतिशत से अधिक गांवों के लिए ओ.डी.एफ. प्लस का दर्जा हासिल किया है। बताने योग्य है कि ओ.डी.एफ. प्लस गांव ऐसे हैं, जिन्होंने ठोस या तरल अवशेष प्रबंधन प्रणालियों को लागू करने के साथ-साथ खुले में शौच मुक्त स्थिति को बरकरार रखा है।
जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ब्रह्म शंकर जिंपा ने बताया कि अब तक राज्य के 3028 गांवों को ओ.डी.एफ. प्लस घोषित किया गया है, जो 2024-25 तक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे पड़ाव के लक्ष्यों को प्राप्त करने की ओर अहम कदम है। उन्होंने कहा कि ओ.डी.एफ. प्लस गांवों की प्रतिशतता के संबंध में बेहतर कार्यप्रणाली वाले जिलों में मानसा (60.85 फीसदी), बरनाला (56.56 फीसदी), बठिंडा (42.39 फीसदी), गुरदासपुर (36.64 फीसदी), मालेरकोटला ( 31.67 फीसदी) और एस.ए.एस. नगर (32.14 फीसदी) शामिल हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इन जिलों ने ओ.डी.एफ. प्लस का दर्जा प्राप्त करने में बेमिसाल प्रगति दिखाते हुए इस मील पत्थर को हासिल करने में अहम भूमिका निभाई है। राज्य के 3028 ओ.डी.एफ. प्लस गांवों में से 71 मॉडल गांव भी हैं। बताने योग्य है कि ओ.डी.एफ. प्लस मॉडल गांव ऐसे गांव हैं, जिन्होंने अपनी ओ.डी.एफ. स्थिति को बरकरार रखा है और जिनमें ठोस अवशेष प्रबंधन और तरल अवशेष प्रबंधन की उपयुक्त व्यवस्था के साथ-साथ कम से कम कूड़ा, कम से कम खड़ा गंदा पानी और सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक का कूड़ा-कर्कट न होना शामिल है।