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वैश्विक शक्ति-साझाकरण ढांचे में जगह पाने के लिए राजनीतिक प्रक्रिया में हिस्सा लें हिंदू : Swami Vigyananand

वाशिंगटनः प्रभावी हिंदू धार्मिक नेता स्वामी विज्ञानानंद ने बैंकॉक में हिंदू समुदाय की एक वैश्विक बैठक से पहले कहा है कि वैश्विक शक्ति-साझाकरण ढांचे में जगह पाने के लिए हिंदुओं को राजनीतिक प्रक्रिया में हिस्सा लेना चाहिए। स्वामी विज्ञनानंद ‘वल्र्ड हिंदू फाउंडेशन’ के संस्थापक एवं वैश्विक अध्यक्ष हैं। यह संगठन चार साल में एक बार.

वाशिंगटनः प्रभावी हिंदू धार्मिक नेता स्वामी विज्ञानानंद ने बैंकॉक में हिंदू समुदाय की एक वैश्विक बैठक से पहले कहा है कि वैश्विक शक्ति-साझाकरण ढांचे में जगह पाने के लिए हिंदुओं को राजनीतिक प्रक्रिया में हिस्सा लेना चाहिए। स्वामी विज्ञनानंद ‘वल्र्ड हिंदू फाउंडेशन’ के संस्थापक एवं वैश्विक अध्यक्ष हैं। यह संगठन चार साल में एक बार विश्व हिंदू कांग्रेस का आयोजन करता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक दुनिया में हिंदू केवल भांगड़ा, डांडिया और प्राणायाम (सांसों को नियंत्रित करने की प्राचीन प्रथा) के माध्यम से अपनी पहचान नहीं बना सकते।

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से स्नातक विज्ञानानंद ने कहा, ‘‘मैं इन सभी चीजों का सम्मान करता हूं, लेकिन शक्ति साझा करने के लिए हिंदुओं को अपनी मूल शक्ति पर ध्यान केंद्रित करने और रणनीति बनाने की जरूरत है। इस दिशा में अब तक ज्यादा प्रयास नहीं किए गए हैं।’’ भारतीय धार्मिक नेता ने कहा, ‘‘हिंदुओं की आबादी वैश्विक जनसंख्या का छठा हिस्सा है, हम कई देशों में सबसे अमीर लोग हैं और हम शिक्षा और अकादमिक क्षेत्र में भी बहुत सफल हैं..। लेकिन वास्तविक सत्ता-साझाकरण में हमारी भूमिका नहीं हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुओं को राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने की आवश्यकता है। मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन उदाहरण के लिए कनाडा में हिंदुओं की संख्या खालिस्तानियों से कहीं ज्यादा है। लेकिन हमारे पास संसद में केवल चार सदस्य हैं। वे 27 हैं। असली सत्ता के खेल में 27 मायने रखते हैं, चार नहीं। यही हम वैश्विक हिंदू समुदाय को समझाने की कोशिश कर रहे हैं।’’ बैंकॉक में 24 से 26 नवंबर तक होने वाले अगले सत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस दिशा में विश्व हिंदू कांग्रेस का यही फोकस और प्रयास है।’’

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उन्होंने कहा कि वैश्विक मंच पर हिंदुओं को ‘‘शांतिप्रिय, सह-अस्तित्व में रहने वाले और योगदान देने वाले समुदाय’’ के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता है, जो सरकारी कल्याण पर निर्भर नहीं हैं। स्वामी विज्ञनानंद एक दशक से अधिक समय से विश्व हिंदू कांग्रेस के माध्यम से दुनियाभर के हिंदुओं को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में विश्व हिंदू कांग्रेस के तीसरे संस्करण में 60 से अधिक देशों के हजारों हिंदू शामिल होंगे। आखिरी विश्व हिंदू कांग्रेस 2018 में शिकागो में आयोजित की गई थी।

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