नेशनल डेस्क: पिछले दो हफ्तों से निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए वैकल्पिक रास्ता तैयार करने के वास्ते रविवार को सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ‘ड्रिलिंग’ शुरू की गई और पहले दिन करीब 20 मीटर खुदाई कर ली गई। उत्तराखंड में चारधाम मार्ग पर बन रही साढ़े चार किलोमीटर सुरंग का एक हिस्सा ढहने से फंसे मजदूरों के बाहर आने को लेकर बढ़ रहे इंतजार के बीच शुरू की गई वर्टिकल ‘ड्रिलिंग’ उन पांच विकल्पों में से एक है जिन पर कुछ दिन पहले काम शुरू किया गया था।
भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स का एक इंजीनियर ग्रुप, समूह, मद्रास सैपर्स की एक यूनिट भी रेस्क्यू ऑपरेशन मे जुटा हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी और इसमें चार दिन का समय लगेगा । उनके अनुसार शाम तक 19.5 मीटर ड्रिलिंग कर ली गई थी।
राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने बताया कि सतलुज जलविद्युत निगम द्वारा शुरू की गई वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य काफी जोर-शोर से चल रहा है और अगर बिना किसी अड़चन के यह इसी तरह चलता रहा तो हम इसे चार दिन में गुरुवार तक खत्म करने की उम्मीद कर सकते हैं। ‘एस्केप पैसेज’ बनाने के लिए ‘ड्रिलिंग करके 700 मिमी पाइप मलबे के अंदर डाले जा रहे हैं।
इससे कुछ दूरी पर, इससे पतले 200 मिमी व्यास के पाइप अंदर डाले जा रहे हैं जो 70 मीटर तक पहुंच चुके हैं। बता दें कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे उसमें काम कर रहे श्रमिक फंस गए थे। उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कई एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है।